Prashant Kishor: प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान, इस सीट से लड़ेंगे बिहार विधानसभा चुनाव

पटना से इस समय बिहार की राजनीति में बड़ी खबर सामने आई है। जन सुराज अभियान के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने ऐलान कर दिया है कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 3 September 2025, 3:42 PM IST
google-preferred

Patna: पटना से इस समय बिहार की राजनीति में बड़ी खबर सामने आई है। जन सुराज अभियान के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव करगहर सीट से लड़ेंगे। इस घोषणा ने प्रदेश की सियासत में नए समीकरणों को जन्म दे दिया है।

करगहर को चुना जन्मभूमि बताकर

प्रशांत किशोर ने एक डिजिटल चैनल कार्यक्रम में कहा कि हर व्यक्ति को अपनी कर्मभूमि और जन्मभूमि, दोनों जगह से राजनीति करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि करगहर उनकी जन्मभूमि है और वे यहीं से चुनाव लड़ना चाहते हैं। इस घोषणा के साथ ही करगहर विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में आ गया है।

करगहर सीट का राजनीतिक इतिहास

करगहर विधानसभा क्षेत्र ब्राह्मण बहुल सीट मानी जाती है। 2020 के चुनाव में यहां कांग्रेस प्रत्याशी संतोष मिश्रा ने जीत दर्ज की थी जबकि जेडीयू के वशिष्ठ सिंह दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार चर्चा है कि कांग्रेस के दिनेश राय भी इस सीट से ताल ठोक सकते हैं। वहीं, भोजपुरी गायक रितेश पांडेय के भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं थीं। हालांकि, प्रशांत किशोर की आधिकारिक घोषणा के बाद मुकाबला और दिलचस्प हो गया है।

परिवार की नैया डुबोना: तेज प्रताप यादव ने बदला रूख, बिहार चुनाव में क्या बिगड़ेगा RJD का वोट बैंक?

जन सुराज यात्रा का असर

प्रशांत किशोर पिछले दो वर्षों से पूरे बिहार में जन सुराज यात्रा के जरिए जनता से सीधा जुड़ाव बना रहे हैं। वे लगातार मौजूदा राजनीतिक दलों पर निशाना साधते रहे हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि पिछले तीन दशकों में बिहार की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। उनकी इस यात्रा ने उन्हें जमीनी स्तर पर एक मजबूत पहचान दिलाई है, जिसका असर करगहर में भी देखने को मिल सकता है।

बिहार चुनाव से पहले BJP में हलचल, क्या अमित शाह की बैठक से बदलेगा सियासी समीकरण?

सियासी समीकरण और चुनौतियां

करगहर से प्रशांत किशोर के चुनावी मैदान में उतरने से इस सीट पर बहु-कोणीय मुकाबला तय माना जा रहा है। फिलहाल यह सीट महागठबंधन के कब्जे में है। ऐसे में प्रशांत किशोर को पारंपरिक दलों कांग्रेस, जेडीयू और संभावित रूप से बीजेपी जैसी ताकतों से सीधा मुकाबला करना होगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका यह कदम बिहार की राजनीति में नई हलचल मचाएगा और राज्य के चुनावी परिदृश्य को प्रभावित करेगा।

Location :