

सरकार ने ऑटो इंडस्ट्री को राहत देते हुए छोटी कारों और दोपहिया वाहनों पर जीएसटी घटाकर 18% कर दिया है। इससे कीमतों में 12% तक की गिरावट आएगी। इससे खासकर बजट सेगमेंट की कारों और बाइकों की बिक्री को नई रफ्तार मिलेगी।
छोटी कार और बाइक्स के दाम कम
New Delhi: जीएसटी काउंसिल ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को राहत देते हुए जीएसटी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। जीएसटी 2.0 के तहत अब छोटी कारों और 350 सीसी से कम की मोटरसाइकिलों पर टैक्स घटाकर 18% कर दिया गया है, जिससे इनकी कीमतों में 12 से 12.5% तक की कमी आएगी। इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को मिलेगा, खासकर उन खरीदारों को जो महंगाई और गिरती आय के चलते अब तक गाड़ी खरीदने से हिचक रहे थे।
सरकार ने ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी की दरों को दो हिस्सों में बांटा है। पहली श्रेणी में 4 मीटर से कम लंबाई वाली कारें और 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें हैं, जिन पर अब केवल 18% टैक्स लगेगा। दूसरी श्रेणी में बड़ी कारें, एसयूवी और लग्जरी गाड़ियां हैं, जिन पर 40% टैक्स लागू होगा। पहले इन वाहनों पर 43% से 50% तक टैक्स लिया जाता था, जिसमें जीएसटी के अलावा सेस भी शामिल था।
नई दरों के अनुसार, 1200 सीसी से कम इंजन वाली पेट्रोल कारें और 1500 सीसी तक की डीजल कारें जो 4 मीटर से छोटी हैं, अब सिर्फ 18% टैक्स के दायरे में आएंगी। पहले इन पर 29% से 31% तक टैक्स लगता था। उदाहरण के तौर पर, 5 लाख रुपये एक्स-शोरूम कीमत वाली कार अब लगभग 62,500 रुपये सस्ती हो सकती है। इस बदलाव से एंट्री-लेवल कार खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी।
घटेंगी छोटी कारों की कीमतें
बाइक सेगमेंट में भी बड़ा बदलाव हुआ है। अब 350 सीसी से कम की बाइकों पर सिर्फ 18% टैक्स देना होगा, जो पहले 28% था। इसका सीधा असर हीरो स्प्लेंडर, होंडा शाइन, बजाज पल्सर जैसी लोकप्रिय बाइकों पर पड़ेगा, जो देश में सबसे अधिक बिकने वाले मॉडल्स हैं। इस कदम से दोपहिया वाहन क्षेत्र को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
जहां छोटी गाड़ियां काफी सस्ती हो गई हैं, वहीं बड़ी कारें, एसयूवी और लग्जरी वाहनों की कीमतों में भी थोड़ी राहत मिलेगी। अब उन पर 40% टैक्स लगेगा। इसके अलावा ऑटो पार्ट्स पर भी टैक्स दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और सर्विसिंग भी सस्ती हो सकती है।
GST Council Meeting: नये स्लैब से आम आदमी की जेब पर पड़ेगा कितना असर? क्या होगा सस्ता और मंहगा
S&P Global Mobility के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव वंगाल ने कहा कि यह कदम खासकर त्योहारों के सीजन में एंट्री-लेवल कारों की मांग को बढ़ावा देगा। फ्रोंक्स, पंच और जैसी कॉम्पैक्ट क्रॉसओवर कारें पहले से ही डिमांड में हैं, और अब कीमतें कम होने से इनकी बिक्री और तेज हो सकती है। मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा।
वित्त वर्ष 2025 में कॉम्पैक्ट कारों और हैचबैक की बिक्री में 13% की गिरावट दर्ज की गई और यह 10 लाख यूनिट तक सिमट गई। वहीं, एसयूवी की बिक्री 10% बढ़कर 23.5 लाख यूनिट पर पहुंच गई। पैसेंजर व्हीकल बाजार में छोटी कारों की हिस्सेदारी अब सिर्फ 23.4% रह गई है, जो लगातार पांचवें साल घट रही है। ऐसे में सरकार के इस फैसले से बाजार में संतुलन आने की उम्मीद है।