

जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा को लेकर जिलाधिकारी श्री संतोष कुमार शर्मा ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। नवोदय विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, आवासीय सुविधा, अनुशासित वातावरण और समग्र विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाए।
डीएम ने की बैठक
महराजगंज: जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा को लेकर जिलाधिकारी श्री संतोष कुमार शर्मा ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ऋद्धि पांडेय सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 5 में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों का अधिक से अधिक पंजीकरण कराया जाए। उन्होंने बीएसए को निर्देशित किया कि सभी प्रधानाध्यापकों को इस दिशा में सक्रिय किया जाए और विद्यालयों के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों को संवेदीकरण किया जाए। इसके तहत अभिभावकों को नवोदय विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, आवासीय सुविधा, अनुशासित वातावरण और समग्र विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया जाए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक परिषदीय विद्यालय से कम से कम 10 बच्चों का पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही जिले में कम से कम 10,000 छात्रों के पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को इस दिशा में समर्पित प्रयास करने को कहा गया। उन्होंने विशेष रूप से बालिकाओं को प्रेरित करने पर जोर दिया और कहा कि बालिकाओं को भी इस परीक्षा में बढ़-चढ़कर भागीदारी करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जवाहर नवोदय विद्यालय जिले के लिए एक गौरवशाली शैक्षणिक संस्थान है और वहां प्रवेश पाना न केवल बच्चे बल्कि पूरे विद्यालय और जिले की उपलब्धि मानी जाती है। उन्होंने कहा कि यह एक सुनहरा अवसर है, जिसे सभी पात्र छात्रों को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
बैठक में बीएसए ऋद्धि पांडेय ने नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए बनाई गई कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है और इसकी अंतिम तिथि 29 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। सभी विद्यालयों को इस तिथि से पहले अधिकतम पात्र विद्यार्थियों का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया गया है।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों से यह भी अपेक्षा जताई कि वे व्यक्तिगत रूप से इस कार्य की निगरानी करें और प्रगति की नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि जिले का कोई भी योग्य बच्चा इस महत्वपूर्ण अवसर से वंचित न रह जाए।