Barabanki Politics: स्वामी प्रसाद ने खोले भविष्य के पत्ते? किया ये नया ऐलान?

उत्तर प्रदेश की सियासत में बयानवीरों की कोई कमी नहीं, लेकिन इस बार पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐसा बयान दे दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 18 June 2025, 4:31 PM IST

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की सियासत में बयानवीरों की कोई कमी नहीं, लेकिन इस बार पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने ऐसा बयान दे दिया है, जिसने राज्य की राजनीतिक हवा को एक बार फिर गर्म कर दिया है। बाराबंकी में आयोजित संविधान सम्मान और जनहित हुंकार यात्रा के तहत पहुंचे मौर्य ने बसपा सुप्रीमो मायावती की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, "अब तक की सबसे बेहतर मुख्यमंत्री मायावती रही हैं। उनके शासन में कानून-व्यवस्था की गूंज सिर्फ यूपी ही नहीं, देशभर में थी।" लेकिन यहीं उन्होंने एक कटाक्ष भी जोड़ा – "यह अलग बात है कि अब उन्होंने बाबा साहब और कांशीराम से नाता तोड़ लिया, इसलिए जनता भी उनसे दूर हो गई है।"

कब और कहाँ?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   बुधवार को बाराबंकी के चौहान गेस्ट हाउस में मौर्य की इस यात्रा का आयोजन किया गया, जहां उन्होंने संविधान, सामाजिक न्याय और जनहित के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए भाजपा और सपा पर तीखा हमला बोला।

क्यों दिया यह बयान?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने इस दौरे में साफ किया कि उनका मुख्य उद्देश्य फिलहाल चुनाव लड़ना नहीं, बल्कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। उन्होंने कहा –"भाजपा को यूपी से उखाड़ फेंकना है। इसके लिए अगर किसी दल से गठबंधन करना पड़ा, तो मैं तैयार हूं।"

किस पर साधा निशाना?

स्वामी प्रसाद मौर्य का सबसे तीखा हमला समाजवादी पार्टी पर रहा। उन्होंने सपा के PDA फार्मूले को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, "सपा एक दिशाहीन पार्टी है। बाबा साहब अंबेडकर के विचारों से भी वह अंजान है।" उन्होंने याद दिलाया कि कैसे उन्होंने सपा में रहते हुए एमएलसी और मंत्री पद तक त्याग दिया, क्योंकि वे सिर्फ पद नहीं, विचारों की राजनीति करते हैं।

क्या करेंगे आगे?

स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ कहा कि उनकी पार्टी जनता पार्टी आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी, लेकिन भाजपा को हराने के लिए गठबंधन के दरवाजे खुले हैं। "अब वक्त आ गया है कि मैं अकेले मैदान में उतरूं और जनता फैसला करे," उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा।

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से कई सियासी संकेत निकलते हैं – क्या मायावती की ओर उनका रुख फिर से हो सकता है? क्या सपा से दूरी अब स्थायी है? और क्या जनता पार्टी वाकई यूपी की राजनीति में कोई नई धारा बना पाएगी?
सवाल कई हैं, लेकिन एक बात तय है – भाजपा को हटाने की रणनीति में स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर खुद को केंद्र में लाने की कोशिश कर रहे हैं।

Location : 
  • Barabanki

Published : 
  • 18 June 2025, 4:31 PM IST