पंजाब में आप को बड़ा झटका: अनमोल गगन मान ने छोड़ी राजनीति, सोशल मीडिया पर लिखी ये बात

पंजाब की राजनीति शुक्रवार को उस वक्त सन्न रह गई जब खरड़ से आम आदमी पार्टी की विधायक और पूर्व पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने राजनीति को अलविदा कह दिया। एक वक्त जो सुरों की दुनिया में जानी जाती थीं, वही अनमोल गगन अब सियासत की आवाज़ से पूरी तरह खामोश हो गईं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 19 July 2025, 3:32 PM IST
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Chandigarh: पंजाब की राजनीति शुक्रवार को उस वक्त सन्न रह गई जब खरड़ से आम आदमी पार्टी की विधायक और पूर्व पर्यटन मंत्री अनमोल गगन मान ने राजनीति को अलविदा कह दिया। एक वक्त जो सुरों की दुनिया में जानी जाती थीं, वही अनमोल गगन अब सियासत की आवाज़ से पूरी तरह खामोश हो गईं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए इस्तीफे की जानकारी दी और लिखा "मेरा दिल भारी है, लेकिन मैंने राजनीति छोड़ने का फैसला कर लिया है। स्पीकर को दिया मेरा इस्तीफा स्वीकार किया जाए। मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ हैं।" इस एक ट्वीट ने न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि की यात्रा का पड़ाव खत्म किया, बल्कि आम आदमी पार्टी की भीतरी राजनीति और नेतृत्व शैली को लेकर कई सवाल भी खड़े कर दिए।

साल 2020 में जब अनमोल गगन मान ने AAP की सदस्यता ली थी, तब वह एक उभरती हुई गायिका थीं। 2022 में जब वह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं, तब उन्होंने पार्टी का प्रचार गीत भी खुद लिखा और गाया था। पंजाब के युवाओं के लिए वह सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि प्रतीक थीं  कला और नेतृत्व के संगम की। लेकिन महज़ दो साल बाद उनका राजनीति छोड़ देना… कुछ कहता है और ये महज व्यक्तिगत निर्णय नहीं लगता। क्योंकि ठीक एक दिन पहले अकाली दल के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह गिल ने भी पार्टी छोड़ने का एलान किया था। राजनीतिक गलियारों में इसे ऐसे देखा जा रहा है जैसे पंजाब की राजनीति में कोई नया समीकरण आकार ले रहा हो।

इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा ने तीखा हमला बोला। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि अनमोल गगन मान का इस्तीफा “केजरीवाल के विश्वासघात” का परिणाम है। खैरा ने AAP पर "इस्तेमाल करो और फेंक दो" की नीति अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि मान इस नीति की पहली शिकार नहीं हैं। उन्होंने प्रशांत भूषण से लेकर गुरप्रीत घुग्गी तक के उदाहरण देकर भगवंत मान सरकार के “गिने-चुने दिन” बताने शुरू कर दिए।

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अनमोल गगन मान का इस्तीफा किसी गहरे दबाव, हताशा या राजनीतिक उपेक्षा का नतीजा है? क्या AAP में युवा और प्रतिभाशाली चेहरों के लिए जगह अब महज़ चुनावी औजार बनकर रह गई है? या फिर यह इस्तीफा आने वाले बड़े सियासी भूचाल की पहली दस्तक है?

जो भी हो, एक युवा कलाकार, एक युवा नेता का सियासत से यूं अचानक चला जाना, पंजाब की राजनीति में खालीपन छोड़ गया है। और इस खालीपन में गूंज रही है सिर्फ एक ही बात— "क्या यह AAP की राजनीति का अंतर्मन है या किसी नई राजनीति की शुरुआत?"

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