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गाजियाबाद से गिरफ्तार हर्षवर्धन जैन पर फर्जी एंबेसी चलाने का आरोप भर नहीं—बल्कि 25 शेल कंपनियों, 20 बैंक खातों और 162 विदेश यात्राओं से जुड़े करोड़ों के हवाला और लोन घोटाले का खुलासा हुआ है। विदेशी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, आर्म्स डीलर खशोगी से लेन-देन और दुबई कनेक्शन ने मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरनाक बना दिया है।
गाजियाबाद से चला ‘डिप्लोमैटिक माफिया (सोर्स इंटरनेट)
Ghaziabad | Noida STF: फर्जी एंबेसी का संचालन महज दिखावा था, असली खेल करोड़ों का अंतरराष्ट्रीय घोटाला। यूपी एसटीएफ की जांच में हर्षवर्धन जैन का नाम अब सिर्फ फर्जीवाड़े तक सीमित नहीं रह गया। जांच के हर नए मोड़ पर एक नए इंटरनेशनल स्कैम की परतें खुल रही हैं।
पासपोर्ट जांच में पता चला कि हर्षवर्धन ने 2005 से 2015 के बीच 162 बार विदेश यात्रा की। इनमें यूएई, यूके, फ्रांस, टर्की, मॉरीशस, कैमरून जैसे देश प्रमुख हैं। इससे उसके वैश्विक नेटवर्क की पुष्टि हुई है।
नोएडा एसटीएफ के अनुसार, हर्षवर्धन ने एहसान अली सैयद के साथ मिलकर विभिन्न देशों में 25 से अधिक शेल कंपनियां बनाई। इनमें स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन (UK), आइलैंड जनरल ट्रेडिंग (UAE) और कैमरून इस्पात (अफ्रीका) जैसी कंपनियां शामिल हैं। उसके पास 8 विदेशी और 12 भारतीय बैंक खाते हैं, जिनमें करोड़ों का लेनदेन हुआ।
हर्षवर्धन और एहसान अली ने आर्थिक संकट में फंसी विदेशी कंपनियों को लोन दिलाने का वादा किया। इसके एवज में 300 करोड़ रुपये ऐंठ लिए। एहसान अब दुबई में छिपा बैठा है। मामले में हवाला ट्रांजैक्शन की भी पुष्टि हुई है।
सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह कि हर्षवर्धन के बैंक खातों में 2002-04 के बीच कुख्यात आर्म्स डीलर अदनान खशोगी से करीब 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए। यह फंड कहां गया, इसका पता लगाने में एसटीएफ जुटी है।
हर्षवर्धन के कब्जे से 12 डिप्लोमैटिक पासपोर्ट बरामद हुए हैं, जिनमें कई छोटे देशों जैसे सर्वोगा और सेबोर्गो के नाम हैं। वह बी-35 कविनगर स्थित मकान और एक किराए के बंगले से फर्जी एंबेसी चला रहा था।
कविनगर पुलिस ने कोर्ट में कस्टडी रिमांड की अर्जी दाखिल कर दी है। अब हर्षवर्धन से ईडी और इनकम टैक्स विभाग भी पूछताछ कर सकते हैं। एसटीएफ के मुताबिक, देश में बैठे कई हाई-प्रोफाइल दलाल और विदेश में बसे ठग इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं।
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