Site icon Hindi Dynamite News

कौन था पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड Hashim Musa जिसका Operation-Mahadev में हुआ खात्मा

पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा उर्फ सुलैमान शाह मूसा को भारतीय सेना ने सोमवार को ऑपरेशन महादेव में नेस्तनाबूद कर दिया। इस खतरनाक आतंकी का सफाया सुरक्षा के लिहाज से भारतीय सेना की बड़ी जीत है।
Post Published By: Jay Chauhan
Published:
कौन था पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड Hashim Musa जिसका Operation-Mahadev में हुआ खात्मा

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के टॉप कमांडर हाशिम मूसा को आखिरकार भारतीय सेना ने सोमवार को मुठभेड़ में मार गिराया। यह एनकाउंटर 28 जुलाई को श्रीनगर के लिडवास इलाके में हुआ।

आर्मी ने यह बदला पहलगाम हमले के ठीक 97 बाद लिया गया। सेना ने इस अभियान को ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) नाम दिया।

कौन था हाशिम मूसा

हाशिम मूसा, जिसे सुलैमान शाह मूसा फौजी भी कहा जाता है। वह लश्कर-ए-तैयबा का एक खतरनाक कमांडर था। हाशिम मूसा को न सिर्फ पहलगाम हमले का साजिशकर्ता माना जाता था, बल्कि वह सोनमर्ग टनल हमले का भी जिम्मेदार था। वह पाकिस्तानी सेना का भी सिपाही भी था।

हाशिम मूसा पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पैरा-कमांडो था, जो एक खास ट्रेनिंग वाली सेना इकाई है। वह  2022 में भारत में घुसपैठ कर लश्कर में शामिल हो गया और कई हमलों की साजिश रची।

खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सेना में अपने पद से बर्खास्त होने के बाद, वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) में शामिल हो गया।

सुरक्षा एजेंसियों ने इस मामले में मुख्य आरोपी के रूप में हाशिम मूसा की पहचान की थी। एजेंसियों के मुताबिक, वो कम से कम छह आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है। मूसा हाईली ट्रेंड आतंकी था, जिसे जंगलों में रहने और मुश्किल हालात सर्वाइव करने में महारथ हासिल थी।

मूसा को मिली ये खतरनाक ट्रेनिंग

ऐसा माना जाता है कि मूसा को पाकिस्तानी सेना के SSG ने कश्मीर में संगठन के अभियानों को मज़बूत करने के लिए LeT में शामिल होने के लिए भर्ती किया था। माना जाता है कि मूसा अपरंपरागत युद्ध और गुप्त अभियानों में माहिर था। उसके जैसे कमांडो आमतौर पर अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करने, आमने-सामने की लड़ाई में शामिल होने और उन्नत नेविगेशन में कुशल होते हैं।

पहलगाम हमले की प्लानिंग और एग्जिक्यूशन में उसकी बड़ी भूमिका थी। वह बाइसरन घाटी में 15 अप्रैल से मौजूद था और सात दिन तक रेकी (जासूसी) की थी।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद हाशिम मूसा की तलाश के लिए दक्षिण कश्मीर के जंगलों में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे थे.-जम्मू  कश्मीर पुलिस ने उसके ऊपर 20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था।

सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि ये आतंकी फिर से किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की फिराक में थे। ऑपरेशन अब भी जारी है। इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा।

Exit mobile version