

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर किया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
ऑपरेशन सिंदूर
नई दिल्ली: भारत ने एक बार फिर स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति अब "ईंट का जवाब पत्थर से" देने की है। डाइनामइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्दयी आतंकी हमले, जिसमें 26 मासूम नागरिकों की जान गई, का करारा जवाब भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के रूप में दिया है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर किया गया एक निर्णायक सैन्य अभियान है। इस ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' इसलिए रखा गया क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकी महिलाओं के सुहाग को निशाना बनाकर उनके पतियों की हत्या कर दी थी। आतंकियों ने नृशंसता की हदें पार करते हुए धर्म पूछकर निर्दोष पर्यटकों को मारा और कुछ मामलों में पत्नियों के सामने उनके पतियों को गोली मार दी। यह मंजर देखकर देशभर में आक्रोश फैल गया था, और भारतीय सेना ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर 'ऑपरेशन सिंदूर' की योजना बनाई।
क्यों पड़ा इसका नाम 'ऑपरेशन सिंदूर'?
ऑपरेशन का नाम 'सिंदूर' रखने के पीछे एक गहरा संदेश है। पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं की तस्वीरें पूरे देश को झकझोर कर रख देने वाली थीं। उन तस्वीरों में उजड़ा हुआ सिंदूर, बिखरा हुआ मांग का लाल रंग, और आंखों में गम का सैलाब देशवासियों के दिल को छू गया। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सैन्य अभियान का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' रखने का निर्णय लिया।
ऑपरेशन के सफल होने की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त प्रयास से पीओके में स्थित नौ बड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों के ठिकाने शामिल थे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला सैन्य अधिकारियों की अहम भूमिका
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की जानकारी देने के लिए सेना की ओर से एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कॉन्फ्रेंस की सबसे खास बात यह थी कि इसे दो महिला सैन्य अधिकारी—कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान संसद हमला, मुंबई हमला, पुलवामा हमला और पहलगाम हमले के दृश्य भी दिखाए गए, जिससे यह साफ संदेश गया कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।
22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था। आतंकियों ने निर्दोष लोगों से उनका धर्म पूछकर निर्ममता से गोलियां बरसाईं। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसमें कई महिलाएं अपने पतियों को खो बैठीं। इस वीभत्स घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी।
ऑपरेशन सिंदूर की योजना और सफलता
हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया था कि भारत इसका करारा जवाब देगा। सेना के तीनों अंगों को पूरी छूट दी गई और खुफिया एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की योजना बनाई गई। इस अभियान में आधुनिक हथियारों के साथ-साथ लोइटरिंग म्यूनिशन (आत्मघाती ड्रोन) का भी इस्तेमाल किया गया, जो अपने लक्ष्य को निशाना बनाकर खुद को नष्ट कर देते हैं।
भारत का कड़ा संदेश
ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद भारत ने एक कड़ा संदेश दे दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। इस सैन्य कार्रवाई से पाकिस्तान और पीओके में बैठे आतंकी संगठनों को स्पष्ट संकेत मिल गया है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा और देश की अखंडता के लिए हर संभव कदम उठाएगा।