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Tamil Nadu Stampede: एक्टर विजय की रैली में कैसे मची भगदड़, कौन है मौतों का गुनहगार, पिछले हादसों से क्यों नहीं जागा प्रशासन

तमिलनाडु के करूर में टीवीके (तमिलनाडु वेत्री कझगम) प्रमुख और अभिनेता विजय की रैली में भगदड़ मचने से मरने वालों की आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हादसे में कई लोग घायल हो गए हैं। इस घटना से देश में कोहराम मचा हुआ है।
Post Published By: Jay Chauhan
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Tamil Nadu Stampede: एक्टर विजय की रैली में कैसे मची भगदड़, कौन है मौतों का गुनहगार, पिछले हादसों से क्यों नहीं जागा प्रशासन

Chennai: तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को टीवीके प्रमुख और अभिनेता से नेता बने  विजय की रैली में भगदड़ मच गई जिससे करीब 38 लोगों की मौत हो गई, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि मौतों का आंकड़ा बढता ही जा रहा है। इस घटना से देश में कोहराम मचा हुआ है।

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि आयोजकों ने पहले 10,000 लोगों के आने की उम्मीद जताई थी, लेकिन करीब 50,000 लोग मात्र 1.20 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में इकट्ठा हो गए। प्रशासन ने उसे नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया।

हादसे को लेकर कई बड़ी बातें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि इस रैली के लिए आयोजकों ने तीस हजार लोगों के लिए अनुमति ली थी, लेकिन वहां 60 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इतना ही नहीं खुद  विजय अपने तय समय से काफी देरी से रैली में पहुंचे। जबकि उनके समर्थक और लोग काफी पहले से ही वहां इकट्ठे हो चुके थे।

जुटी भीड़ को पर्याप्त स्पेस ने मिलने के कारण रैली में घुटन होने लगी जिससे कार्यकर्ता और बच्चे दबाव के कारण बेहोश हो गए। इस बीच भगदड़ जैसी स्थिति हो गई। लोग बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे, कई गिर पड़े, कुछ ऊपर से भीड़ के दबाव में चोटिल हो गए। स्थल पर चीख-पुकार और मदद की गुहारें हर ओर गूंज रही थीं।

भीड़ में फंसे प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कई लोग भगदड़ में दब गए, जबकि बच्चे और बुजुर्ग सुरक्षा के लिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ भागने की कोशिश कर रहे थे।  भगदड़ स्थल पर निकास मार्गों का जाम होने से बचाव में और दिक्कत आई।

स्थिति बिगड़ने पर विजय ने अपना भाषण बीच में रोक दिया और कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने भीड़ से एम्बुलेंस के लिए रास्ता बनाने को कहा और पानी की बोतलें वितरित करवाईं।

अभिनेता विजय की रैली में भगदड़

तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण ने कहा कि सभा की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी। अभिनेता  विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे, तब तक भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतजार कर रही थी।

दूसरी तरफ विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की, लेकिन जोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को 27,000 की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में तैनात करना चाहिए।

करूर भगदड़ मामले में पुलिस ने TVK करूर के जिला सचिव के खिलाफ केस दर्ज किया है।

 

बता दें कि तमिलनाडु के करूर जिले में अभिनेता से राजनेता बने विजय की पार्टीटीवीके की रैली में भगदड़ पहला हादसा नहीं हैबार-बार ऐसे हादसों से सवाल उठ रहे हैं कि प्रशासन और जनता सबक क्यों नहीं सीख रहे? इससे पहले इसी साल फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्टेशन पर भगदड़ हुई थी। बंगलूरू में आईपीएल चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में भी कई लोगों की जानें गईं थी। बीते वर्ष हैदराबाद में फिल्म पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के समय भी भगदड़ मची थी।

यह पहली बार नहीं है जब विजय की रैलियां विवादों में रही हैं और जांच के घेरे में आई हैं। इस महीने की शुरुआत में त्रिची में हुई उनकी पहली रैली में भारी भीड़ उमड़ी थी और उनके काफिले को हवाई अड्डे से कार्यक्रम स्थल तक ले गई थी, जिससे 20 मिनट का सफ़र छह घंटे के ट्रैफ़िक जाम में बदल गया था और जिससे पूरा शहर थम सा गया था।

आखिर इन हादसों का जिम्मेदार कौन है। जनता या प्रशासन। इतने भगदड़ के हादसे होने के बाद भी प्रशासन ने सुध लेने की जरूरत क्यों नहीं समझी। इस घटना का असली गुनहगार किसे माना जाएगा।

हादसे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन और रैली का आयोजन करने वाले अभिनेता विजय समेत कई हस्तियों ने शोक प्रकट किया है।

हादसा कैसे हुआ। इसका अभी पता लगाया जा रहा है लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। डीएमके नेता सरवनन अन्नादुरई ने अभिनेता विजय पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उन्हें इस घटना का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि विजय के देर से पहुंचने और भीड़ को संभालने में लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ।

करूर त्रासदी में मारे गए लोगों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 10-10 लाख रुपये राहत राशि प्रदान की जाएगी. अस्पतालों में इलाज करा रहे प्रत्येक व्यक्ति को 1-1 लाख रुपये दिए जाएंगे।

 

 

 

 

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