दुनिया में सबसे लोकप्रिय एयरबस ए320 श्रृंखला के विमानों में सॉफ्टवेयर खराबी का खतरा बढ़ गया है। यह गड़बड़ी उड़ान नियंत्रण से जुड़े अहम डाटा को प्रभावित कर सकती है, जिससे विमान की ऊंचाई, दिशा और नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण गणनाएं गलत हो सकती हैं।

प्रतीकात्मक छवि
New Delhi: दुनिया में सबसे लोकप्रिय एयरबस ए320 श्रृंखला के विमानों में सॉफ्टवेयर खराबी का खतरा बढ़ गया है। यह गड़बड़ी उड़ान नियंत्रण से जुड़े अहम डाटा को प्रभावित कर सकती है, जिससे विमान की ऊंचाई, दिशा और नियंत्रण जैसी महत्वपूर्ण गणनाएं गलत हो सकती हैं।
कंपनी ने दुनियाभर में संचालित करीब छह हजार विमानों के सॉफ्टवेयर अपडेट का आदेश जारी किया है और अस्थायी रूप से इनके उड़ान संचालन पर रोक लगा दी है। एयरबस के 55 वर्ष के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा तकनीकी हस्तक्षेप किया गया है।
फ्रांसीसी विमान निर्माता एयरबस ने बताया कि सौर विकिरण सॉफ्टवेयर संस्करण एल104 वाले एलिवेटर-एइलरान कंप्यूटर (ईएलएसी बी) को प्रभावित कर रहा है। यह कंप्यूटर विमान की ऊंचाई की गणना और उड़ान सतहों के नियंत्रण का महत्वपूर्ण कार्य करता है।
इसी कारण यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) ने शुक्रवार को इमरजेंसी एयरवर्दीनेस डायरेक्टिव (ईएडी) जारी करते हुए सभी प्रभावित विमानों में तत्काल मरम्मत की अनिवार्यता घोषित की।
30 अक्टूबर को कैनकन-नेवार्क उड़ान के दौरान जेटब्लू एयरवेज की फ्लाइट (बी6-1230) अचानक 35 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे आने लगी। इस घटना में 15 यात्री घायल हुए और विमान को टांपा, फ्लोरिडा में आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी।
जांच में पाया गया कि सौर विकिरण के कारण ईएलएसी डाटा में आई गड़बड़ी से विमान का नियंत्रण प्रभावित हुआ था। हालांकि 'ऑटोपायलट' सिस्टम ने समय रहते विमान को स्थिर ऊंचाई पर पहुंचा दिया।
एयरबस का कहना है कि ऐसी दूसरी कोई घटना सामने नहीं आई, लेकिन विश्लेषण से ए320सीईओ और ए320एनईओ श्रेणी के विमानों में व्यापक खतरे की पुष्टि हुई है।