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दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को अहम सुराग हाथ लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी संगठन अपने विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड माध्यमों के जरिए संवाद करते थे और उन्हें निर्देश भी इसी रास्ते से मिलते थे।
दिल्ली धमाके में नया खुलासा
New Delhi: दिल्ली में लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को अहम सुराग हाथ लगे हैं। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी संगठन अपने विदेशी हैंडलर्स से एन्क्रिप्टेड माध्यमों के जरिए संवाद करते थे और उन्हें निर्देश भी इसी रास्ते से मिलते थे। जांच में खुलासा हुआ है कि आतंकी अपने विस्फोटकों के लिए “शिपमेंट” और “पैकेज” जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे ताकि उनके संवाद को समझना मुश्किल हो।
जांच एजेंसियों ने संदिग्ध आतंकियों के मोबाइल फोन से कई एन्क्रिप्टेड चैट और कोडवर्ड बरामद किए हैं। इनमें “शिपमेंट” और “पैकेज” जैसे शब्दों का इस्तेमाल बार-बार पाया गया है। बताया जा रहा है कि विस्फोटक तैयार करने वाले आतंकी ‘डॉ. मुजम्मिल गनई’ इन सामग्रियों को इन्हीं कोडवर्ड से संबोधित करता था। इन शब्दों का उद्देश्य था कि यदि उनका संचार इंटरसेप्ट भी हो जाए, तो भी सुरक्षा एजेंसियों को उनकी असली योजना का अंदाजा न लग सके। यह दिखाता है कि आतंकी संगठन कितनी संगठित और तकनीकी रूप से तैयार योजनाओं के साथ काम कर रहे थे।
धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट, ऑक्साइड और फ्यूल ऑयल जैसे रसायनों का प्रयोग किया गया था। ये पदार्थ आमतौर पर औद्योगिक या कृषि कार्यों में उपयोग किए जाते हैं, लेकिन जब इन्हें मिलाया जाता है, तो यह अत्यंत घातक विस्फोटक मिश्रण बन जाता है। आतंकियों ने इन रसायनों को मिलाकर विस्फोटक तैयार किया और उन्हें “शिपमेंट” नाम दिया। इस तकनीक से सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने और जांच से बचने की रणनीति अपनाई गई थी।
जांच में यह भी सामने आया है कि जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े संदिग्ध आतंकी डॉ. मुजम्मिल गनई ने लाल किला क्षेत्र की कई बार रेकी की थी। उसके फोन डेटा से पता चला है कि उसने जनवरी 2025 में कई बार इस इलाके का दौरा किया। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस सिलसिले में अल फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) के कई लोगों से पूछताछ की है और अब तक 10 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ हो चुकी है।
दिल्ली पुलिस को शक है कि यह रेकी 26 जनवरी के समारोह के दौरान लाल किला क्षेत्र को निशाना बनाने की साजिश का हिस्सा थी, जो समय पर की गई सुरक्षा गश्त के कारण नाकाम हो गई। सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह भी पता चला है कि इस मामले के दो प्रमुख संदिग्ध डॉ. उमर और मुजम्मिल हाल ही में तुर्किये की यात्रा पर गए थे। माना जा रहा है कि उन्होंने वहां अपने विदेशी हैंडलर्स से मुलाकात की थी। फिलहाल जांच एजेंसियां एन्क्रिप्टेड चैट, फोन रिकॉर्ड और विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही हैं, ताकि इस धमाके के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके।