

भारतीय रेलवे द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव किया। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में जानिए क्या है रेलवे की नई योजना
भारतीय रेलवे (सोर्स-इंटरनेट)
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे द्वारा तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठाया गया है। इस पहल का उद्देश्य रेलवे टिकटों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाना और टिकटिंग प्रणाली को पारदर्शी बनाना है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से यह जानकारी साझा की।
Bharatiya Railways will soon start using e-Aadhaar authentication to book Tatkal tickets.
This will help genuine users get confirmed tickets during need.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 4, 2025
आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य
रेल मंत्री के अनुसार, अब से तत्काल टिकट बुक करते समय यात्री का ई-आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब तत्काल टिकटों की दलाली और फर्जी बुकिंग की शिकायतें लगातार बढ़ रही थीं। रेलवे के अनुसार, यह नई व्यवस्था असली यात्रियों को प्राथमिकता देगी और दलालों तथा बिचौलियों की भूमिका को खत्म करेगी।
भारतीय रेलवे में आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य (सोर्स-इंटरनेट)
रेलवे के इस फैसले से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि तत्काल टिकट उन्हीं यात्रियों को मिले जो वास्तव में यात्रा करना चाहते हैं। हालांकि, इस नई व्यवस्था को लेकर यात्रियों के बीच मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ यात्रियों का कहना है कि ई-आधार वेरिफिकेशन के चलते तत्काल बुकिंग की प्रक्रिया जटिल हो सकती है और चंद मिनटों में बुक होने वाले टिकट के लिए समय की बर्बादी हो सकती है।
आईआरसीटीसी ने उठाए सख्त कदम
आईआरसीटीसी (IRCTC) ने भी इस संदर्भ में सख्त कदम उठाते हुए अब तक 2.5 करोड़ फर्जी यूजर आईडी को डिएक्टिवेट कर दिया है। ये आईडी दलालों द्वारा बनाई गई थीं, जिनके जरिये टिकटों की कालाबाजारी बड़े पैमाने पर की जा रही थी। यह कदम टिकट बुकिंग सिस्टम को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
रेल मंत्रालय का मानना है कि आधार वेरिफिकेशन से न केवल फर्जी बुकिंग पर रोक लगेगी, बल्कि इससे यात्रियों की पहचान भी सटीक ढंग से हो सकेगी। यह व्यवस्था धीरे-धीरे लागू की जाएगी और शुरुआत में यात्रियों को ई-आधार वेरिफिकेशन का विकल्प दिया जाएगा। भविष्य में इसे अनिवार्य किया जा सकता है।
ट्रैवल एजेंट और टिकट दलालों के लिए यह नई व्यवस्था किसी झटके से कम नहीं है। अब तक वे एक से ज्यादा फर्जी आईडी के जरिए तत्काल टिकट बुक कर लेते थे और उन्हें ऊंचे दामों में बेचते थे। लेकिन आधार वेरिफिकेशन से अब यह संभव नहीं होगा, क्योंकि हर यात्री की पहचान एक ही आधार से जुड़ी होगी।