New Delhi: लोकसभा में आज देश की सुरक्षा से जुड़े एक बेहद अहम मुद्दे पर लंबी बहस होने जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी। इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे और बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बहस में हिस्सा लेंगे। चर्चा का समय करीब 16 घंटे तय किया गया है, जो इसे संसद सत्र की सबसे लंबी बहसों में से एक बना सकता है।
दोपहर 12 बजे से शुरू होगी चर्चा
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। इससे पहले रक्षा मंत्री ने CDS जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठकें कर पूरी रणनीति तैयार की है। चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री सैन्य कार्रवाई की विस्तृत जानकारी और उसके पीछे की रणनीति को सदन में साझा करेंगे।
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?
यह सैन्य ऑपरेशन 6-7 मई की रात को अंजाम दिया गया था। इसका उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के पीछे जिम्मेदार आतंकियों और उनके ठिकानों को खत्म करना था। सेना ने इस कार्रवाई में पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा था।
सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया, जो हाल के वर्षों की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की एक बड़ी रणनीतिक सफलता माना जा रहा है, जिससे सीमा पार आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं।
कांग्रेस ने जारी किया व्हिप
चर्चा की संवेदनशीलता और महत्ता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। इसमें सभी सांसदों को अनिवार्य रूप से सदन में उपस्थित रहने को कहा गया है। व्हिप सोमवार से तीन दिनों के लिए लागू रहेगा।
कांग्रेस की रणनीति इस चर्चा के दौरान सरकार से तीखे सवाल पूछने की मानी जा रही है। पार्टी चाहती है कि सरकार इस सैन्य कार्रवाई के प्रभाव और उसके दीर्घकालिक परिणामों को विस्तार से स्पष्ट करे।
मानसून सत्र में अब तक हंगामा
संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामेदार रहा है। विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और अन्य मुद्दों पर जोरदार विरोध किया, जिसके चलते पहले सप्ताह का अधिकांश समय बर्बाद हो गया। अब सरकार इस लंबी बहस के जरिए संसद में एक मजबूत संदेश देने की कोशिश कर रही है।
नजरें टिकी हैं संसद पर
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के जरिए सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस बहस पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं, खासतौर पर यह देखने के लिए कि प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह किस तरह से सैन्य कार्रवाई की मजबूती और प्रभाव को सामने रखते हैं।

