New Delhi: एनसीईआरटी (NCERT) ने स्कूलों की पाठ्यपुस्तकों में “ऑपरेशन सिंदूर” नामक एक नया मॉड्यूल शामिल किया है। यह मॉड्यूल कक्षा 3 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए तैयार किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य है बच्चों को आतंकवाद, राष्ट्रीय सुरक्षा, शहीदों के बलिदान और नागरिकों की जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना है।
पहलगाम आतंकी हमले की पूरी सच्चाई
मॉड्यूल की शुरुआत 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जानकारी से होती है। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए, जिनमें एक नेपाली पर्यटक भी शामिल था। मॉड्यूल में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि यह हमला पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के इशारे पर हुआ। हालांकि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह अपनी भूमिका से इनकार किया, लेकिन भारत के पास मौजूद प्रमाण बताते हैं कि हमले की योजना और क्रियान्वयन में पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता थी।
“ऑपरेशन सिंदूर” नाम का महत्व
इस सैन्य कार्रवाई का नाम “ऑपरेशन सिंदूर” रखा गया, जो सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक श्रद्धांजलि है। यह उन शहीदों की विधवाओं के त्याग और पीड़ा को सम्मान देने का प्रतीक है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपने जीवनसाथी को खो दिया। ‘सिंदूर’ शब्द यहां नारी सम्मान, बलिदान और समाज की एकजुटता का प्रतीक बनकर सामने आता है।
भारत ने दिया हमले का जवाब
मॉड्यूल में बताया गया है कि 7 मई 2025 को भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और पीओजेके (PoJK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल और एयर स्ट्राइक की। भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें से 7 को सेना और 2 (मुरीदके और बहावलपुर) को वायुसेना ने तबाह कर दिया। यह पूरी कार्रवाई सिर्फ 22 मिनट में सफलतापूर्वक पूरी की गई, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए, लेकिन किसी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
सैन्य शक्ति और तकनीकी सशक्तिकरण
इस ऑपरेशन में भारत की सैन्य ताकत और तकनीकी प्रगति का पूरा परिचय मिला। राफेल, सुखोई-30MKI और मिराज-2000 जैसे लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा, ISRO के 10 सैटेलाइट्स ने रियल टाइम इंटेलिजेंस प्रदान की। भारत की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम के तहत बनी ब्रह्मोस और आकाश मिसाइल, स्मार्ट आर्टिलरी और स्वदेशी ड्रोन (Hawk, Scout, Eagle) भी इस ऑपरेशन में शामिल थे।
पाकिस्तान की विफल प्रतिक्रिया
भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और एयरबेस पर हमले की नाकाम कोशिश की, जिसे भारत के शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम (S-400, आकाश, MRSAM) ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस तरह भारत ने न केवल सैन्य मोर्चे पर, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी अपनी श्रेष्ठता साबित की।
मॉड्यूल का एक अहम हिस्सा कश्मीर के स्थानीय लोगों की बहादुरी को समर्पित है। पहलगाम हमले के बाद स्थानीय लोगों ने आतंक के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई और यह संदेश दिया कि कश्मीर की असली पहचान हिंसा नहीं, बल्कि भाईचारा और शांति है। बच्चों को यह सिखाने की कोशिश की गई है कि समाज में एकता और साहस ही आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।
आतंकवाद के व्यापक प्रभाव की समझ
“ऑपरेशन सिंदूर” मॉड्यूल में 2016 के उरी और 2019 के पुलवामा हमलों का भी उल्लेख किया गया है। इन घटनाओं को जोड़कर यह दिखाया गया है कि आतंकवाद केवल सैनिकों या सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की जड़ों को भी हिला देता है। यह मॉड्यूल छात्रों को सोचने और समझने की दिशा में प्रेरित करेगा कि शांति, एकता और सुरक्षा में हर नागरिक की भूमिका अहम होती है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस मॉड्यूल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है, “ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि हमारे संकल्प और शांति के प्रति समर्पण का प्रतीक है।”