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इसमें 1,000 करोड़ रुपये विमान मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधाओं के लिए निर्धारित हैं।
इसमें 1,000 करोड़ रुपये विमान मरम्मत, रखरखाव और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधाओं के लिए निर्धारित हैं।