

कुलगाम के अखल वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। क्या यह मुठभेड़ हालिया ‘ऑपरेशन महादेव’ व ‘शिवशक्ति’ की तैयारियों का हिस्सा है? आगे की जानकारी जारी की जाएगी—लेकिन एक नई लड़ाई की शुरुआत स्पष्ट है।
CRPF और पुलिस का संयुक्त हमला (सोर्स इंटरनेट)
Jammu Kashmir: गृहसुरक्षा को लेकर जारी मेगा ऑपरेशनों के बीच, दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के देवसर क्षेत्र में एक और मुठभेड़ जारी है। यह ऑपरेशन जम्मू‑काश्मीर पुलिस, भारतीय सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ अभी जारी है, और स्थिति स्पष्ट होते ही अधिक जानकारी साझा की जाएगी।
यह मुठभेड़ उस इलाके में तब शुरू हुई जब सुरक्षाबलों को आतंकियों की मौजूदगी की ठोस इनपुट मिली। तुरंत ही उस इलाके की घेराबंदी कर कॉर्डन·एंड·सर्च ऑपरेशन चलाया गया। घिरा हुआ महसूस कर आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिससे दोनों ओर से जवाबी कार्रवाई हुई और तीव्र मुठभेड़ शुरू हो गई। यह ऑपरेशन देवसर के अखल वन क्षेत्र में हो रहा है, जो कश्मीर की पठारी सीमा पर स्थित है और आतंकियों की अब तक कई छुप-छुपकर गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है।
यह घटना उन कई हाई-प्रोफाइल एन्टी-टेरर कार्रवाई की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें हाल ही में ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन शिवशक्ति’ का नाम शामिल है।
ऑपरेशन महादेव, श्रीनगर के डारचिगम / हारवान जंगलों में संपन्न हुआ, जिसमें पहलगाम हमले के तीन आतंकियों—जिनमें मास्टरमाइंड सुलेमान शाह, अफगानी और जिब्रान शामिल थे—को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। इस कार्रवाई को प्रधानमंत्री मोदी ने भी सराहा ऑपरेशन शिवशक्ति, पुंछ जिले में हुआ, जहां दो आतंकियों की घुसपैठ नाकाम करते हुए उन्हें मार गिराया गया और तीन हथियार बरामद किए गए
इन सफलताओं के बीच, देवसर मुठभेड़ का महत्व इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि यह नए आतंकियों की गतिविधियों और संभावित घुसपैठ की बुनियादी तैयारी हो सकती है। साथ ही, यह दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था सतर्क बनी हुई है।
अभी मुठभेड़ के परिणाम—जैसे आतंकियों की संख्या, पकड़ी गई जानकारी या घायल सुरक्षाकर्मी—कायमी नहीं हुई है। सुरक्षा एजेंसियाँ पूरे क्षेत्र में सर्च जारी रखे हुए हैं और जल्द ही पहचान व विघटन संबंधी ताज़ा आंकड़े प्रदान करेंगी।
यह मौजूदा अभियान एक सशक्त संदेश है—कि आतंक और घुसपैठ की हर चेष्टा को भारतीय सुरक्षा बल किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे।