फर्जी सरोगेसी रैकेट का भंडाफोड़: डॉक्टर नम्रता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, गरीब महिलाओं से खरीदे जाते थे बच्चे, 25 गिरफ्तार

डॉक्टर नम्रता और उनके नेटवर्क पर फर्जी सरोगेसी और बच्चों की तस्करी का गंभीर आरोप लगा है। सिकंदराबाद और विशाखापट्टनम समेत 7 शहरों में क्लीनिक खोलकर दंपतियों से करोड़ों की ठगी की गई और गरीब महिलाओं से बच्चे खरीदे गए। पुलिस ने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच CCS SIT को सौंप दी गई है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 13 August 2025, 3:21 PM IST
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Telangana News: तेलंगाना की गोपालपुरम पुलिस ने एक बहुराज्यीय फर्जी सरोगेसी और बच्चों की तस्करी के रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस संगठित गिरोह का संचालन ‘यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर’ के नाम पर डॉक्टर अथलूरी नम्रता द्वारा किया जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ में डॉ. नम्रता और उनके सहयोगियों पर 8 नए आपराधिक मामले दर्ज किए हैं।

कैसे हुआ खुलासा?

यह मामला तब सामने आया, जब 27 जुलाई 2025 को एक दंपति ने गोपालपुरम पुलिस स्टेशन में क्राइम नंबर 147/2025 के तहत शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें फर्जी सरोगेसी प्रक्रिया के जरिए ठगा गया और लाखों रुपये ऐंठे गए। जांच में खुलासा हुआ कि यह केवल एक मामला नहीं था, बल्कि एक संगठित रैकेट चलाया जा रहा था, जो फर्टिलिटी क्लीनिक की आड़ में गैरकानूनी रूप से बच्चों की खरीद-फरोख्त करता था।

फर्जी सरोगेसी के नाम पर करोड़ों की ठगी

पुलिस जांच में दर्जनभर से अधिक पीड़ित सामने आए जिन्होंने क्लिनिक पर गंभीर आरोप लगाए। क्राइम नंबर 150/2025 के तहत एक दंपति से 22 लाख रुपये वसूलकर उन्हें किसी अन्य महिला का मृत बच्चा दिखाया गया। क्राइम नंबर 153/2025 के तहत 19 लाख रुपये लिए गए, लेकिन जब डीएनए टेस्ट हुआ तो बच्चा दंपति का नहीं निकला। क्राइम नंबर 155/2025 के तहत 90 वर्षीय डॉ. सूरी के नाम और मेडिकल लाइसेंस का गलत इस्तेमाल कर कागज़ात फर्जी बनाए गए।

7 शहरों में फैला था फर्जीवाड़े का नेटवर्क

डॉ. नम्रता ने यह रैकेट सिकंदराबाद, विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, नेल्लोर, राजमुंदरी, भुवनेश्वर और कोलकाता तक फैला रखा था। ये क्लीनिक पहले बांझपन के इलाज का दावा करते थे और फिर जरूरतमंद दंपतियों को सरोगेसी का विकल्प दिखाकर करोड़ों की ठगी करते थे।

दंपतियों से 30-40 लाख रुपये तक वसूले जाते थे।

गरीब महिलाओं से बच्चे खरीदने के लिए एजेंट्स को लड़की के लिए 3.5 लाख और लड़के के लिए 4.5 लाख रुपये दिए जाते थे। फर्जी डीएनए रिपोर्ट्स बनाकर उन्हें दंपतियों को सौंप दिया जाता था।

कौन-कौन हुए गिरफ्तार?

पुलिस ने डॉ. नम्रता के अलावा कई डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, मैनेजर, एजेंट और यहां तक कि बच्चों की जन्मदाता महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। डीआई बीवी कौशिक के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई को अब CCS SIT (क्राइम कंट्रोल स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को सौंप दिया गया है।

भारत में क्या कहता है कानून?

भारत में व्यावसायिक सरोगेसी (Commercial Surrogacy) पर प्रतिबंध है। 2021 में लागू हुए Surrogacy Regulation Act के अनुसार केवल परोपकारी (Altruistic) सरोगेसी की अनुमति है। व्यावसायिक उद्देश्य से किसी महिला से बच्चा पैदा कराना गैरकानूनी और दंडनीय अपराध है। यह मामला न केवल मेडिकल धोखाधड़ी, बल्कि बाल तस्करी और महिला शोषण का भी है।

Location : 
  • Telangana

Published : 
  • 13 August 2025, 3:21 PM IST