New Delhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में हेराफेरी और बड़े पैमाने पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाने के बाद चुनाव आयोग ने गुरुवार को इन आरोपों को निराधार बताते हुए करारा जवाब दिया है। आयोग ने बिना किसी नेता का नाम लिए कहा कि केवल राजनीतिक बयानबाज़ी से लोकतंत्र की साख को चोट पहुंचती है। बीते हफ्ते राहुल गांधी ने एक जनसभा में दावा किया था कि बेंगलुरु की महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 2024 के लोकसभा चुनाव में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट दर्ज किए गए थे। इसके बाद चुनाव आयोग ने उन्हें अपने आरोपों को साबित करने के लिए लिखित शपथ-पत्र सौंपने को कहा था।
“सबूत दें, गंदे शब्दों से बचें”
गुरुवार को चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कह कि ‘वोट चोरी’ जैसे गंदे और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करके हमारे देश के मतदाताओं और चुनावी प्रक्रिया को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। यदि किसी के पास प्रमाण हैं कि किसी व्यक्ति ने दो बार वोट डाला है या फर्जी नाम जोड़े गए हैं, तो वह प्रमाण के साथ लिखित शिकायत दर्ज कराए। आयोग ने यह भी कहा कि 1951 से ही भारत में ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ की व्यवस्था लागू है और इसमें वर्षों से सुधार होते रहे हैं। ऐसे में पूरे मतदाता तंत्र को सवालों के घेरे में खड़ा करना अनुचित और भ्रामक है।
“करोड़ों ईमानदार मतदाताओं और कर्मचारियों का अपमान”
चुनाव आयोग ने सख्त लहजे में कहा कि ‘वोट चोर’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना सिर्फ एक राजनीतिक स्टेटमेंट नहीं, बल्कि करोड़ों ईमानदार मतदाताओं का अपमान है। आयोग के अनुसार, यह बयान देशभर में लाखों चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की मेहनत और ईमानदारी पर भी सवाल खड़ा करता है। चुनाव आयोग ने कहा कि हमारे चुनाव कर्मचारी देश के सबसे दूरस्थ और कठिन इलाकों में जाकर निष्पक्ष चुनाव कराते हैं। ऐसे में उनके काम को ‘धांधली’ करार देना या उन्हें ‘चोरों’ का हिस्सा कहना लोकतंत्र का अपमान है।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने पिछले हफ्ते बेंगलुरु में एक सभा के दौरान दावा किया था कि 2024 के आम चुनाव में उनके पास ऐसे आंकड़े हैं जिनसे पता चलता है कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोट फर्जी या दो बार दर्ज किए गए। उन्होंने कहा था कि वोट चोरी की यह रणनीति एक संगठन के माध्यम से चलाई गई थी, जिसमें कई प्रशासनिक और तकनीकी खामियां मौजूद हैं। हालांकि, उन्होंने अपने आरोपों के समर्थन में कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं दिया था। इस पर चुनाव आयोग ने उनसे आरोपों को साबित करने के लिए शपथ-पत्र देने को कहा था।
तेजस्वी यादव सहित अन्य नेताओं पर भी प्रतिक्रिया
चुनाव आयोग ने अपने बयान में केवल राहुल गांधी पर ही नहीं, बल्कि अन्य विपक्षी नेताओं जैसे तेजस्वी यादव और अन्य पर भी परोक्ष रूप से निशाना साधा है। आयोग ने कहा कि मीडिया या मंचों से आरोप लगाने की बजाय, यदि किसी के पास ठोस सबूत हैं तो वह औपचारिक रूप से चुनाव आयोग के सामने लाए। आयोग ने दोहराया कि सभी शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाएगी, लेकिन केवल बयानबाज़ी से चुनावी व्यवस्था को बदनाम नहीं किया जा सकता।