दिल्ली की अदालत ने हैवान रविंद्र कुमार को फिर से किया दोषी, 30 बच्चियों के खौफनाक अपराध का खुलासा

दिल्ली की अदालत ने हैवान रविंद्र कुमार को फिर दोषी ठहराया है, जिसने 30 बच्चियों का शिकार किया और कई की हत्या की। यह मामला समाज के लिए एक कठोर चेतावनी है कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है। अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है, जो समाज में सुरक्षा का संदेश देता है।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 25 August 2025, 5:19 AM IST
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Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को 35 वर्षीय रविंद्र कुमार को एक बार फिर खौफनाक अपराधों का दोषी करार दिया है। यह मामला 2014 का है, जब एक ढाई साल की मासूम बच्ची का अपहरण और उसकी हत्या की गई थी। अदालत ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को सही ठहराते हुए कहा कि अभियोगी ने पुख्ता सबूत पेश किए हैं और आरोपी की कोई भी सफाई अदालत को स्वीकार्य नहीं है। अब आरोपी को 28 अगस्त को सजा सुनाई जाएगी।

यह मामला समाज में हड़कंप मचा देने वाला है। रविंद्र कुमार का अपराध का इतिहास बहुत ही भयावह है। उसने अपने अपराधों का खुलासा खुद किया था कि वह अब तक 30 बच्चियों को अपना शिकार बना चुका है, जिनमें से कई की हत्या कर दी गई है। पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी का निशाना ज्यादातर 6 से 12 वर्ष की बच्चियों पर था। पहली बार जब उसे गिरफ्तार किया गया, तो वह केवल एक हत्या की जांच में था, लेकिन जब उसने अपने काले कारनामों का खुलासा किया, तो पुलिस के होश उड़ गए।

रविंद्र कुमार का अपराध का सिलसिला बहुत ही खतरनाक और जघन्य है। उसने अपने नशे की हालत में बच्चियों को पैसे या टॉफी का लालच देकर सुनसान जगह पर ले जाकर दरिंदगी की। कई बार उसने शव के साथ भी रेप किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह शराब और ड्रग्स के नशे में अक्सर अपने घर से निकलता था, और अपने टारगेट की तलाश में कई किलोमीटर पैदल चलता था। उसने अपने अपराधों को अंजाम देने के लिए लगभग 40 किलोमीटर तक का सफर तय किया। उसने अपने भीषण अपराधों में सिर्फ बच्चियों को ही नहीं, बल्कि 2 साल के बच्चे को भी नहीं बख्शा।

नशा और पोर्न फिल्में बन गए रविंद्र का आदत

रविंद्र का जन्म उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में मजदूर परिवार में हुआ था। उसके पिता प्लंबर थे और मां घरेलू कामकाजी। 2008 में वह रोजगार की तलाश में दिल्ली आया, जहां उसकी जिंदगी बदल गई। नशे और पोर्न फिल्मों की लत ने उसे राक्षस बना दिया। उसी साल उसने पहली बार बच्ची का रेप कर उसकी हत्या कर दी थी, लेकिन वह पकड़ में नहीं आया। इसके बाद उसकी हिम्मत और बढ़ गई।

पहली गिरफ्तारी और फिर रिहाई

2014 में पहली बार जब पुलिस ने रविंद्र को गिरफ्तार किया, तो सबूतों की कमी के कारण वह अदालत से रिहा हो गया। लेकिन 2015 में उसने फिर से एक 6 साल की बच्ची का अपहरण किया और पकड़ा गया। इस बार पुलिस के पास उसके खिलाफ मजबूत सबूत थे। मई 2023 में अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई, और तब से वह जेल में है।

अदालत का फैसला और खुलासे

अदालत ने 23 अगस्त को कहा कि बच्ची को आखिरी बार रविंद्र के साथ देखा गया था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सिर पर चोट, होंठों पर दांतों के निशान और दम घुटने की पुष्टि हुई है। छोटी बच्ची का शरीर नाजुक था और मामूली चोट भी जानलेवा हो सकती है। अदालत ने रविंद्र कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 363 (अपहरण) के तहत दोषी ठहराया। अदालत ने कहा कि उसके अपराध अमानवीय और निर्मम हैं, और न समाज को, न कानून को उसके लिए नरमी बरतने का कोई स्थान है। यह खबर न केवल एक अपराधी का मामला है, बल्कि पूरी समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि ऐसे राक्षसों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

Location : 
  • Delhi

Published : 
  • 25 August 2025, 5:19 AM IST