

CJI बीआर गवई ने अपने महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
CJI बीआर गवई ने अपने महाराष्ट्र दौरे पर ( सोर्स - इंटरनेट )
मुंबई: भारत के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने अपने महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न किए जाने को लेकर गहरी नाराज़गी जताई है। रविवार को मुंबई आगमन के समय महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, राज्य पुलिस महानिदेशक (DGP) और मुंबई पुलिस कमिश्नर जैसे शीर्ष अधिकारी सीजेआई की अगवानी के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद नहीं थे। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सार्वजनिक तौर पर चिंता जाहिर करते हुए इसे ‘गंभीर लापरवाही’ बताया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीजेआई गवई ने कहा, “देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए यह अपेक्षित होता है कि राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उसका सम्मानजनक स्वागत करें। यह केवल व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि संस्था का सम्मान है।” उन्होंने यह बात अपने एक संबोधन के दौरान स्पष्ट रूप से कही, जिससे राज्य प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
सीजेआई की इस टिप्पणी के कुछ ही घंटों बाद स्थिति में बदलाव देखा गया। दिन में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस कमिश्नर तीनों ही मौजूद थे। माना जा रहा है कि यह उच्च स्तरीय प्रतिक्रिया राज्य सरकार की ओर से स्थिति को संभालने की कोशिश के तहत दी गई।
बीआर गवई का यह दौरा व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था। एक ओर वह अपने गृह राज्य महाराष्ट्र के नागरिकों और न्यायिक समुदाय से संवाद करने आए थे, वहीं दूसरी ओर उनकी यात्रा भारतीय न्यायपालिका की गरिमा और परंपराओं की भी प्रतीक थी।
मुख्य न्यायाधीश की सार्वजनिक प्रतिक्रिया ने यह संकेत दिया है कि न्यायपालिका की गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रोटोकॉल और औपचारिकताओं का पालन अत्यंत आवश्यक है। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि संवैधानिक पदों के सम्मान में किसी प्रकार की कोताही न केवल संबंधित अधिकारी की छवि पर बल्कि शासन व्यवस्था की संवेदनशीलता पर भी असर डाल सकती है।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या नौकरशाही और प्रशासन संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा के प्रति पर्याप्त सतर्क और सम्मानित रवैया अपनाते हैं। राज्य सरकार की ओर से अब तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और चर्चा संभव है।