

गणेश चतुर्थी 2025 में अगर आप पहली बार मुंबई के लालबागचा राजा के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो यह ट्रैवल गाइड आपके लिए है। मेट्रो, लोकल ट्रेन और बस से कैसे पहुंचें, किन समयों में भीड़ कम होती है और आसपास कौन-कौन से अन्य पंडाल हैं- इस लेख में पढ़ें हर जरूरी जानकारी।
लालबागचा राजा के दर्शन
Mumbai: गणेश चतुर्थी 2025 की धूम देशभर में देखने को मिलेगी, लेकिन अगर बात मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणपति पंडाल लालबागचा राजा की हो, तो यहां हर साल भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यह पांडाल केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। अगर आप इस साल पहली बार लालबागचा राजा के दर्शन करने जा रहे हैं, तो यह ट्रैवल गाइड आपके अनुभव को सरल और यादगार बना सकती है।
इस वर्ष लालबागचा राजा के दर्शन 27 अगस्त 2025 से शुरू होकर 6 सितंबर 2025 तक होंगे। इन 11 दिनों तक यहां भक्तों का तांता लगा रहेगा। पंडाल में दर्शन के लिए अलग-अलग प्रकार की लाइनें होती हैं- मुख्य दर्शन लाइन और नवस दर्शन लाइन, जहां नवस दर्शन लाइन उन भक्तों के लिए होती है जिन्होंने मन्नत मांगी हो।
मेट्रो से यात्रा
सबसे कम समय में पहुंचने का तरीका है मेट्रो। लोअर परेल मेट्रो स्टेशन इस पांडाल का नजदीकी स्टेशन है। वहां से बाहर निकलते ही 10-15 मिनट में आप पंडाल तक पैदल पहुंच सकते हैं।
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लोकल ट्रेन से
मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेन से पहुंचना बेहद सुविधाजनक है।
चिंचपोकली स्टेशन (सेंट्रल लाइन): पंडाल से सिर्फ 10 मिनट की पैदल दूरी पर।
करी रोड स्टेशन: दूसरा नजदीकी स्टेशन है, यहां से 15 मिनट का वॉक।
लोअर परेल स्टेशन (वेस्टर्न लाइन): यहां से पंडाल 20–25 मिनट की दूरी पर है, ऑटो या टैक्सी भी ले सकते हैं।
CST से आने वाले: सेंट्रल लाइन पकड़ें और चिंचपोकली पर उतरें।
मुंबई के लालबागचा राजा में भक्तों की आस्था
BEST बस सेवा
अगर आप बजट में यात्रा करना चाहते हैं, तो BEST बसें भी विकल्प हैं।
बस नंबर 124: दादर टीटी से लालबाग के नजदीक तक जाती है, लेकिन ट्रैफिक में समय ज्यादा लग सकता है।
चिंचपोकलीचा चिंतामणि
1920 से स्थापित यह मंडल इस बार अपना 106वां गणेशोत्सव मना रहा है। इस साल यहां गणपति बप्पा को छत्रपति संभाजी महाराज को समर्पित थीम पर सजाया जाएगा। यह पांडाल लालबाग से बहुत पास है और भक्तों के लिए खास आकर्षण रहता है।
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मुंबईचा राजा, गणेश गली
1928 में शुरू हुआ यह पंडाल अपने विशाल स्वरूप और भव्य मंदिरनुमा सजावट के लिए जाना जाता है। हर साल यह भारतीय मंदिरों की किसी खास थीम पर आधारित होता है और दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
भीड़ से बचने के लिए सुबह जल्दी या रात देर का समय चुनें।
अपने साथ पानी की बोतल, हल्का नाश्ता, और जरूरी दवाइयां रखें।
बुजुर्गों और बच्चों के साथ मेट्रो या लोकल ट्रेन का इस्तेमाल करें, जो सुविधाजनक और तेज है।
मोबाइल फोन पूरी तरह चार्ज रखें और अपने ग्रुप के लोगों से संपर्क में रहें।
लालबागचा राजा के दर्शन केवल धार्मिक नहीं, एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव होता है। यदि आप पहली बार जा रहे हैं, तो यह यात्रा आपके जीवन की यादगार घटनाओं में शामिल हो सकती है। थोड़ी प्लानिंग और सही जानकारी से आप भी इस गणेशोत्सव को पूरी श्रद्धा और सहजता के साथ अनुभव कर सकते हैं।
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