सावन शिवरात्रि 2025: जानें भगवान शिव को जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त और नियम, ऐसे बनाएं इस पर्व को खास

सावन शिवरात्रि 23 जुलाई को मनाई जाएगी। इस पावन पर्व पर शिवलिंग पर जल चढ़ाने और व्रत रखने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं। शुभ मुहूर्त में निशिता काल और चौघड़िया समय में पूजा विशेष फलदायी है। भक्ति में डूबकर भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करें और जीवन को सुखमय बनाएं।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 22 July 2025, 4:05 PM IST
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New Delhi: सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की भक्ति में डूबने का विशेष समय होता है और इस साल 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। यह दिन भोलेनाथ के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने और विधि-विधान से पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

मान्यता है कि सावन शिवरात्रि पर व्रत रखने और शिवलिंग का जलाभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, जो भक्तों को सुख, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करती है। इस दिन कांवड़ यात्रा के दौरान भक्त गंगाजल लेकर शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं, जो इस पर्व का विशेष आकर्षण है। आइए, जानते हैं सावन शिवरात्रि 2025 के शुभ मुहूर्त, नियम और पूजा की खास बातें।

सावन शिवरात्रि जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन शिवरात्रि का पूरा दिन भगवान शिव की अराधना के लिए शुभ माना जाता है। आप इस दिन किसी भी समय शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं, लेकिन कुछ विशेष मुहूर्त पूजा को और भी प्रभावशाली बनाते हैं। निशिता काल पूजा का समय 23 जुलाई 2025 को रात 12:23 बजे से 1:07 बजे तक रहेगा। इसके अलावा, रात्रि के चार प्रहरों में पूजा का समय इस प्रकार है-

पहला प्रहर: 07:18 PM से 10:01 PM
दूसरा प्रहर: 10:01 PM से 12:45 AM (24 जुलाई)
तीसरा प्रहर: 12:45 AM से 03:29 AM (24 जुलाई)
चौथा प्रहर: 03:29 AM से 06:13 AM (24 जुलाई)

चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई 2025 को सुबह 04:39 बजे शुरू होगी और 24 जुलाई को सुबह 02:28 बजे समाप्त होगी। इन शुभ मुहूर्तों में पूजा करने से भगवान शिव की कृपा दोगुनी प्राप्त होती है।

सावन शिवरात्रि चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया मुहूर्त में पूजा और जलाभिषेक करना भी अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस साल के शुभ चौघड़िया समय इस प्रकार हैं-

लाभ (उन्नति):सुबह 06:12 से 07:50 तक
अमृत (सर्वोत्तम): सुबह 07:50 से 09:29 तक
शुभ (उत्तम): सुबह 11:07 से दोपहर 12:45 तक
चर (सामान्य): दोपहर 04:01 से शाम 05:39 तक
लाभ (उन्नति): शाम 05:39 से रात 07:18 तक

सावन शिवरात्रि के नियम और पूजा विधि

सावन शिवरात्रि के दिन भक्तों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए। इस दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिवलिंग पर जल, दूध, दही, गंगाजल, गन्ने का रस, शहद आदि से अभिषेक करें। भगवान शिव को बिल्व पत्र, धतूरा, आक के फूल, भांग और भस्म अर्पित करना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें और शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें। इस दिन व्रत रखने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। भक्तों को चाहिए कि वे सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से दूर रहें।

सावन शिवरात्रि का यह पर्व भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। इस दिन कांवड़ यात्रा में शामिल होकर या घर पर ही पूजा करके आप भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। तो, इस सावन शिवरात्रि पर अपने मन को भक्ति में डुबोएं और भगवान शिव के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।

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