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महाराष्ट्र में मानसून का कहर: मुखेड तालुका में बादल फटने जैसी घटना, 200 से ज्यादा गांवों में बाढ़

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और इमरजेंसी मैनेजमेंट मिनिस्टर गिरीश महाजन ने हालात का जायजा लिया। नांदेड़ के मुखेड तालुका में बादल फटने जैसी घटना हुई, जिससे 200 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। इसके साथ ही कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
Post Published By: Asmita Patel
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महाराष्ट्र में मानसून का कहर: मुखेड तालुका में बादल फटने जैसी घटना, 200 से ज्यादा गांवों में बाढ़

Maharashtra: महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में 18 अगस्त को भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि नांदेड़ के मुखेड तालुका में बादल फटने जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ गया और कई गांव जलमग्न हो गए। नांदेड़ के अलावा, जलगांव जिले को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। फडणवीस ने कहा कि एक लाख हेक्टर से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं, और 200 से ज्यादा गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सीएम ने कहा कि मुंबई में भी बारिश का असर दिखा, जहां पिछले 6 घंटे में 170 मिमी बारिश दर्ज की गई। चेंबूर में 177 मिमी बारिश हुई, जिससे मुंबई में ट्रैफिक जाम और स्थानीय ट्रेन सेवा प्रभावित हुई। हालांकि, लोकल ट्रेनें बंद नहीं हुईं, लेकिन उनकी गति धीमी हो गई।

बारिश के कारण बाढ़ और बचाव कार्य

गिरीश महाजन ने बताया कि राज्य में भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट घोषित किया गया है। नांदेड़, जलगांव और आसपास के क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। राज्य सरकार ने विभिन्न एजेंसियों से मिलकर प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकालने का काम तेज कर दिया है। फडणवीस ने कहा कि नांदेड़ में 206 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जिसके बाद बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। 150 से अधिक जानवर और 4 लोग बह गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

सरकारी तैयारी और सहायता

सीएम फडणवीस ने बताया कि आने वाले 2-3 दिनों में और अधिक बारिश होने का अनुमान है, जिसके मद्देनजर सरकार ने सभी आवश्यक राहत कार्यों की योजना बनाई है। उन्होंने कहा, “विभिन्न जिलों में बचाव कार्य जारी है, और हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी प्रभावित क्षेत्रों में लोग सुरक्षित रहें।” इसके अलावा सरकार ने जल स्तर पर कड़ी नजर रखी है, विशेष रूप से अंबा-जगबुडी नदी और वशिष्टी नदी पर, जिनका जलस्तर चेतावनी स्तर तक पहुंच चुका है। इसापूर और विष्णुपुरी बांध भी चेतावनी स्तर के पास पहुंच गए हैं, जबकि कोचंपाड बांध की स्थिति नियंत्रण में है।

कृषि क्षेत्र में नुकसान

अमरावती विभाग में लगभग 2 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को नुकसान होने का अनुमान है। फसलें बर्बाद हो गई हैं, और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए सरकार ने तत्परता से कदम उठाए हैं।

मुंबई और अन्य जिलों की स्थिति

मुंबई में भारी बारिश ने कई जगहों पर ट्रैफिक को धीमा कर दिया था। हालांकि, लोकल ट्रेन सेवा बाधित नहीं हुई, लेकिन इसकी गति धीमी हो गई। मंत्रालय ने कर्मचारियों से घर लौटने के लिए कहा और शाम 6 बजे के बाद हाई टाइड की चेतावनी दी गई।

अगले दिनों की भविष्यवाणी

मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। रेड अलर्ट जारी किया गया है और सरकार ने सभी आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस और गिरीश महाजन ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि राज्य सरकार हर संभव कदम उठाएगी ताकि प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके।

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