Bhadrapada Purnima: भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, जानें किस राशि पर पड़ेगा असर?

7 सितंबर 2025 को भाद्रपद पूर्णिमा पर इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे ब्लड मून कहा जा रहा है क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण पूरी तरह से नजर आएगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य होगा।

Post Published By: ईशा त्यागी
Updated : 4 September 2025, 3:41 PM IST
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New Delhi: भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर 7 सितंबर की रात से 8 सितंबर की मध्य रात्रि तक चंद्र ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण रात 09:57 बजे शुरू होगा और 01:26 बजे समाप्त होगा। इसकी कुल अवधि 03 घंटे 29 मिनट रहेगी। इस बार का ग्रहण भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा।

ब्लड मून का नजारा

इस चंद्र ग्रहण को ब्लड मून कहा जा रहा है क्योंकि इस दौरान चंद्रमा लाल रंग में नजर आएगा। खगोलविदों के अनुसार, जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरती है, तो चंद्रमा पर लाल आभा दिखाई देती है। यही कारण है कि इसे ब्लड मून कहा जाता है।

Blood Moon 2025 (Img: Google)

ब्लड मून 2025 (Img: Google)

सूतक काल और धार्मिक महत्व

भारत में चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा। यह 7 सितंबर को दोपहर 12:19 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर की रात 01:26 बजे तक चलेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाई जाती है।

बच्चों, बुजुर्गों और अस्वस्थ लोगों के लिए सूतक का समय शाम 06:36 बजे से 01:26 बजे तक रहेगा। माना जाता है कि इस दौरान पूजा-पाठ और भोजन से परहेज करना चाहिए।

चंद्र ग्रहण का समय विस्तार

  • उपच्छाया से पहला स्पर्श – रात 08:59 बजे
  • प्रच्छाया से पहला स्पर्श – रात 09:58 बजे
  • खग्रास प्रारंभ – रात 11:01 बजे
  • परमग्रास चंद्र ग्रहण – रात 11:42 बजे
  • खग्रास समाप्त – रात 12:22 बजे
  • प्रच्छाया से अंतिम स्पर्श – रात 01:26 बजे
  • उपच्छाया से अंतिम स्पर्श – रात 02:24 बजे
  • खग्रास की अवधि 01 घंटा 21 मिनट, जबकि उपच्छाया की अवधि 05 घंटे 24 मिनट की होगी।

मंगल का तुला राशि में गोचर और राशियों पर असर

चंद्र ग्रहण के बाद 13 सितंबर को मंगल तुला राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बदलाव का असर सभी राशियों पर होगा, लेकिन चार राशियों के लिए यह बेहद शुभ साबित होगा।

  • मेष राशि: आत्मविश्वास बढ़ेगा, कार्यस्थल पर सफलता मिलेगी और व्यापार में लाभ होगा।
  • मिथुन राशि: भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी, अटके काम पूरे होंगे और कारोबार में बढ़ोतरी होगी।
  • वृश्चिक राशि: भूमि, भवन या वाहन खरीदने के योग बनेंगे और आकस्मिक धन लाभ संभव है।
  • कुंभ राशि: धन और आय में वृद्धि होगी, नौकरी में तरक्की और जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।

डिस्क्लेमर

यह लेख पंचांग, खगोलशास्त्र और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित सामान्य जानकारी प्रदान करता है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। ग्रहण और राशियों पर प्रभाव से जुड़ी बातें परंपरागत मान्यताओं पर आधारित हैं, जिनका वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।

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