Sawan Purnima 2025: कब खत्म होगा सावन महीना, जानिए चंद्रमा पूजा का महत्व और चंद्रोदय का समय

सावन पूर्णिमा 2025 का पर्व न केवल श्रावण मास का समापन करता है, बल्कि यह रक्षाबंधन, चंद्र पूजा और दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। इस वर्ष पूर्णिमा तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति है, क्योंकि यह 8 अगस्त को दोपहर में शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर तक रहेगी। जानिए चंद्रोदय का समय, पूजा विधि, व्रत का महत्व और शुभ मुहूर्त से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियाँ।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 2 August 2025, 7:59 AM IST
google-preferred

New Delhi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा आती है, जिसे 'पूर्णमासी' या 'पूनम' भी कहा जाता है। वर्ष 2025 में श्रावण मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन रक्षाबंधन जैसे बड़े पर्व के साथ-साथ सावन माह का समापन भी हो रहा है।

इस वर्ष सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी और यह 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा। हालांकि, सावन पूर्णिमा की तिथि को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। कुछ पंचांगों के अनुसार, यह 8 अगस्त को मनाई जाएगी, जबकि द्रिक पंचांग के अनुसार इसका व्रत और पूजा 9 अगस्त को करना श्रेयस्कर होगा।

सावन 2025 कब होगा समाप्त?

द्रिक पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा की तिथि 8 अगस्त को दोपहर 02:12 से शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 01:04 पर समाप्त हो रही है। इसीलिए धार्मिक कार्य जैसे स्नान-दान, व्रत, पूजा आदि 9 अगस्त को किए जाएंगे। इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा।

श्रावण पूर्णिमा पर चंद्रोदय का समय

श्रावण पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। 8 अगस्त को शाम 6 बजकर 42 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस समय चंद्र देव को अर्घ्य देकर उनसे सुख-शांति की कामना करना शुभ माना जाता है। जो भक्त उपवास रखते हैं, वे इस चंद्रोदय पर पूजा-अर्चना कर व्रत का पारण करेंगे।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के दिन सुबह 04:22 से 05:04 तक स्नान-दान का शुभ समय है। इस दौरान पवित्र नदियों में स्नान, व्रत, दान और भगवान विष्णु व शिवजी की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।

चंद्र पूजा का महत्व

सावन की पूर्णिमा पर चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि भगवान शिव, जो स्वयं सावन के देवता माने जाते हैं, ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया है। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से मन की अशांति दूर होती है और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।

अन्य धार्मिक कार्य

श्रावण पूर्णिमा को 'श्रावणी उपाकर्म', सत्यनारायण कथा, रक्षाबंधन और शिव पूजन जैसे कई धार्मिक कार्य संपन्न किए जाते हैं। यह दिन अध्यात्मिक साधना, भाई-बहन के रिश्ते और दान-पुण्य के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 2 August 2025, 7:59 AM IST