Hariyali Teej 2025: व्रत में चाय पीना सही या गलत? जानिए नियम, परंपरा और पूजा का शुभ मुहूर्त

सावन मास में पड़ने वाली इस तीज को “हरियाली तीज” कहा जाता है, जो प्रकृति की हरियाली और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं, भजन-कीर्तन करती हैं और कठिन निर्जला व्रत का पालन करती हैं। आईये जानते है पूजा का शुभ मुहूर्त और क्या इस व्रत में चाय पी सकते है या नहीं।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 27 July 2025, 8:00 AM IST
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New Delhi: हरियाली तीज हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला व्रत है, जिसे विशेष रूप से विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। सावन मास में पड़ने वाली इस तीज को "हरियाली तीज" कहा जाता है, जो प्रकृति की हरियाली और प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं, झूला झूलती हैं, भजन-कीर्तन करती हैं और कठिन निर्जला व्रत का पालन करती हैं। हरियाली तीज 2025 में 27 जुलाई (रविवार) को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07:30 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय के बाद ही व्रत का पारण करने का विधान है।

क्या हरियाली तीज के व्रत में चाय पी सकते हैं?

यह प्रश्न कई महिलाओं के मन में उठता है। परंपरागत रूप से हरियाली तीज का व्रत निर्जला (बिना जल ग्रहण किए) रखा जाता है। इसका अर्थ है कि व्रती महिला पूरे दिन न तो खाना खाती है और न ही जल अथवा चाय जैसे किसी तरल पदार्थ का सेवन करती है।

हालांकि, वर्तमान समय में स्वास्थ्य कारणों को ध्यान में रखते हुए कुछ महिलाएं इस व्रत को फलाहार या जलाहार के रूप में भी रखती हैं। ऐसे में अगर आपने व्रत का संकल्प फलाहार या जल के साथ किया है, तो चाय पीना पूरी तरह से वर्जित नहीं माना जाता।

लेकिन यदि आपने निर्जला व्रत का संकल्प लिया है, और आप दिन में चाय, पानी या कोई अन्य पेय पदार्थ पीती हैं, तो व्रत खंडित माना जा सकता है। अतः संकल्प के अनुसार ही व्रत का पालन करें।

स्वास्थ्य कारणों से चाय पीना ज़रूरी हो तो क्या करें?

अगर कोई महिला गर्भवती, बीमार या वृद्ध है, और डॉक्टर ने उन्हें लंबे समय तक निर्जल रहने से मना किया है, तो वह बुजुर्गों या पंडित की सलाह लेकर जल, चाय, जूस या फल आदि का सेवन कर सकती हैं। धर्म और परंपरा के साथ स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देना आवश्यक है।

व्रत खंडित हो जाए तो क्या करें?

अगर किसी कारणवश आपने व्रत का संकल्प लेने के बाद चाय, फल या पानी का सेवन कर लिया है, तो व्रत भंग हो सकता है। ऐसी स्थिति में ईश्वर से क्षमा याचना करें और अगली बार व्रत को विधिपूर्वक रखने का संकल्प लें।

डिस्क्लेमर

इस लेख में प्रस्तुत जानकारी धार्मिक ग्रंथों, परंपराओं, जनमान्यताओं और सामान्य सामाजिक व्यवहार पर आधारित है। डाइनामाइट न्यूज़ इस लेख में दी गई जानकारी को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है। इसमें दी गई सलाह किसी आधिकारिक धार्मिक निर्देश का विकल्प नहीं है। उपवास से संबंधित निर्णय लेने से पहले अपने पंडित या धार्मिक गुरु से परामर्श अवश्य लें।

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