हिंदी
उत्पन्ना एकादशी 2025 15 नवंबर को है। जानें इस दिन का पौराणिक महत्व, शुभ योग, तिथि, अभिजीत मुहूर्त, व्रत और पूजा विधि। इस दिन व्रत करने से पाप नाश, जीवन में शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
उत्पन्ना एकादशी तिथि (Img source: Google)
New Delhi: हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह की कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसे अत्यंत पवित्र और फलदायी व्रत माना गया है। शास्त्रों में वर्णित है कि इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
धार्मिक कथाओं के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी देवी का जन्म इसी दिन हुआ था। कहा जाता है कि असुर मुर के अत्याचार बढ़ने पर भगवान विष्णु ने अपनी शक्ति से एकादशी देवी को उत्पन्न किया। देवी ने उस राक्षस का वध किया और इस कारण इसे उत्पन्ना एकादशी कहा गया। इसे सभी एकादशियों में मूल और पहली एकादशी माना जाता है।
कृष्ण पक्ष की पहली एकादशी (Img source: Google)
देवउठनी एकादशी 2025: जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां
सच्चे मन से व्रत रखने और भक्ति करने से व्यक्ति को असीम पुण्य प्राप्त होता है। यह व्रत न केवल पापों का नाश करता है, बल्कि मोक्ष की ओर मार्ग प्रशस्त करता है। उत्पन्ना एकादशी आध्यात्मिक शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का भी अवसर है।
देव प्रबोधिनी एकादशी पर जला दीपक बना हादसे की वजह, इंदौर में दो महिलाओं की जिंदा जलकर मौत
विशेष रूप से इस दिन व्रत करने से मन की शांति, जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। इस दिन की साधना से व्यक्ति मानसिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है।