

अटला तड्डी 2025, 9 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह तेलुगु त्योहार विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए उपवास और देवी गौरी की पूजा के साथ मनाया जाता है। जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और ज्योतिषीय महत्व।
अटला तड्डी 2025
New Delhi: तेलुगु संस्कृति में 9 अक्टूबर को मनाया जाने वाला अटला तड्डी (Attala Thaddi) त्यौहार, जिसे उय्या या गोरिंटाकु त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है, महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण पर्व है। यह त्यौहार उत्तर भारत के करवा चौथ की तरह ही विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर मनाया जाता है।
अश्वयुज मास की ठाडिया तिथि (तीसरा चंद्र दिवस) अटला तड्डी की तिथि निर्धारित करती है। इस साल अटला तड्डी का शुभ समय इस प्रकार है:
अटला तड्डी महोत्सव का महत्व
‘अट्लू’ का अर्थ है डोसा, और ‘तड्डी’ का अर्थ है तीसरा चंद्र दिवस। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में इस दिन गौरी उत्सव मनाया जाता है, जो देवी गौरी (देवी पार्वती) को समर्पित है। विवाहित महिलाएं इस दिन उपवास रखकर अपने पति के लिए प्रार्थना करती हैं। वहीं अविवाहित लड़कियाँ अच्छे जीवनसाथी और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए व्रत करती हैं।
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