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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि तो हो गई, अब क्या करें पूजन सामग्री का? जानिए सही और शुभ तरीका

शारदीय नवरात्रि के समापन के बाद पूजन सामग्री को लेकर कई लोगों में भ्रम रहता है कि इसका क्या किया जाए। आईये जानते हैं कि कैसे कलश का जल, नारियल, जवारें और अन्य पूजन वस्तुएं धार्मिक नियमों के अनुसार सही तरीके से विसर्जित या उपयोग में लाई जाएं।
Post Published By: Nidhi Kushwaha
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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि तो हो गई, अब क्या करें पूजन सामग्री का? जानिए सही और शुभ तरीका

New Delhi: शारदीय नवरात्रि का समापन हो चुका है। नौ दिनों तक माता दुर्गा के विभिन्न रूपों की विधिवत पूजा-अर्चना, व्रत-उपवास और शक्ति उपासना के बाद अब यह सवाल उठता है कि पूजन के दौरान उपयोग में लाई गई सामग्री का क्या किया जाए। परंपराओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजन सामग्री को उचित विधि से विसर्जित करना जरूरी होता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और देवी मां की कृपा बनी रहती है।

पूजन सामग्री का उचित उपयोग

1. कलश का जल

नवरात्रि के दौरान जो कलश स्थापित किया जाता है, उसका जल अत्यंत पवित्र माना जाता है। इसे आप आम के पत्तों से घर के हर कोने में छिड़क सकते हैं। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वातावरण शुद्ध रहता है। बचा हुआ जल तुलसी के पौधे में अर्पित कर देना शुभ माना जाता है।

2. कलश का नारियल

नवरात्रि समाप्त होने के बाद कलश पर रखा गया नारियल प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया जा सकता है। अगर परिवार के सभी सदस्य इसे ग्रहण नहीं कर पाते, तो इसे तिजोरी या धन स्थान में भी रख सकते हैं, जिससे लक्ष्मी कृपा बनी रहती है।

3. जवारें (सात अनाज से उगाई गई घास)

जवारों को पवित्र स्थान जैसे पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे सम्मानपूर्वक रख दें। अगर यह संभव न हो, तो उन्हें किसी बहते जल में प्रवाहित किया जा सकता है।

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नवरात्रि की पूजन सामग्री

बची हुई बाती और धूप-दीप का सदुपयोग

1. जली हुई बाती

बची हुई बातियों को कपूर और लौंग के साथ जलाकर उसकी भस्म (राख) तैयार करें। यह भस्म घर के कोनों में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। इसे पौधों में डालना भी लाभकारी माना जाता है।

2. धूप, फूल और अन्य सामग्री

अगर उपयोग की गई सामग्री खराब नहीं हुई है, तो इसे किसी पवित्र स्थान जैसे नदी में प्रवाहित करें। अगर यह संभव न हो, तो किसी पेड़ के नीचे सम्मानपूर्वक रख सकते हैं।

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सामग्री का दान भी है पुण्य कार्य

अगर पूजन में उपयोग किए गए कुछ वस्त्र, बर्तन या अन्य वस्तुएं ऐसी हैं जिन्हें फिर से उपयोग में लाया जा सकता है, तो इन्हें किसी जरूरतमंद को दान देना अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है। ऐसा करने से देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

कुछ जरूरी सावधानियां

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। डाइनामाइट न्यूज़ किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें।

 

 

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