Kanwar Yatra 2025: आखिर क्यों निकालते हैं सावन में कावड़ यात्रा, जानें इसका महत्व

सावन का महीना स्वयं में भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में शिवभक्त उपवास, रुद्राभिषेक और कांवड़ यात्रा जैसे विशेष अनुष्ठान करते हैं। जानिए क्या है कांवड़ यात्रा का महत्व

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 26 June 2025, 4:33 PM IST

नई दिल्ली/हरिद्वार: सावन का महीना आते ही पूरे देश में भक्ति और आस्था की लहर दौड़ जाती है। इसी माह में विशेष रूप से भगवान शिव के भक्तों द्वारा की जाने वाली कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो जाती है, जो एक पवित्र धार्मिक अनुष्ठान के रूप में प्रसिद्ध है। गंगाजल से भरी कांवड़ लेकर हजारों-लाखों शिवभक्त हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख, ऋषिकेश आदि तीर्थस्थलों से पैदल यात्रा शुरू करते हैं और अपने-अपने स्थानीय शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।

कांवड़ यात्रा का महत्व

भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाने वाली इस यात्रा को धर्मशास्त्रों में अत्यंत पुण्यदायक बताया गया है। मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ यह यात्रा करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि प्राप्त होती है।

सावन मास कांवड़ यात्रा 2025 (सोर्स-इंटरनेट)

इस यात्रा के दौरान शिवभक्त कठिन व्रत, संयम और तपस्या करते हुए लंबी दूरी तय करते हैं। गंगाजल से जलाभिषेक करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि कांवड़ यात्रा करने से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि भक्तों की आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी है।

कांवड़ यात्रा के प्रकार

सामान्य कांवड़: जिसमें भक्त रुक-रुक कर गंगाजल लेकर पैदल चलते हैं।

डाक कांवड़: जिसमें तेज गति से बिना रुके दौड़ते हुए गंगाजल पहुंचाया जाता है।

खड़ी कांवड़: इसमें यात्रा बिना कांवड़ को जमीन पर रखे की जाती है।

दांडी कांवड़: भक्त दंडवत प्रणाम करते हुए आगे बढ़ते हैं और अत्यंत कठिन साधना करते हैं।

कांवड़ यात्रा का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान परशुराम ने सबसे पहले कांवड़ यात्रा की थी। उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर से गंगाजल लाकर भगवान शिव का अभिषेक किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है और हर वर्ष सावन में शिवभक्त इस यात्रा को श्रद्धा और भक्ति से पूर्ण करते हैं।

सावन में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व

सावन का महीना स्वयं में भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में शिवभक्त उपवास, रुद्राभिषेक और कांवड़ यात्रा जैसे विशेष अनुष्ठान करते हैं। कांवड़ यात्रा इस माह की सबसे बड़ी धार्मिक गतिविधि होती है, जिसमें करोड़ों भक्त भाग लेते हैं।

राज्य सरकारें भी इस दौरान विशेष व्यवस्था करती हैं, जैसे मेडिकल कैंप, सुरक्षा व्यवस्था, और मार्गदर्शन के लिए शिविरों की स्थापना। प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संगठन भी कांवड़ यात्रियों की सेवा में जुट जाते हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 26 June 2025, 4:33 PM IST