केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 में बदलाव कर महिला यात्रियों को बड़ी राहत दी है। अब Ola, Uber और Rapido जैसी कैब सेवाओं में राइड बुक करते समय महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प मिल सकता है।

कैब बुकिंग सिस्टम में होगा बड़ा बदलाव (Img: Google)
New Delhi: देश में तेजी से बढ़ रही कैब सेवाओं के बीच महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने एक अहम और सराहनीय कदम उठाया है। Ola, Uber और Rapido जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों के लिए जारी मोटर व्हीकल एग्रीगेटर गाइडलाइंस 2025 में संशोधन किया गया है।
इन नए नियमों के तहत महिला यात्रियों को कैब बुक करते समय महिला ड्राइवर चुनने का विकल्प दिया जा सकता है। लंबे समय से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठ रही चिंताओं के बीच इस फैसले को एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तुलना में कैब सेवाओं का उपयोग तेजी से बढ़ा है। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में लोग रोजमर्रा की यात्रा के लिए Ola, Uber और Rapido पर निर्भर हो गए हैं। हालांकि, इस दौरान महिलाओं के साथ असहज या असुरक्षित घटनाओं की शिकायतें भी सामने आती रही हैं। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस में बदलाव किया है।
संशोधित नियमों का सीधा असर कैब बुकिंग के तरीके पर पड़ेगा। महिला यात्री ऐप के माध्यम से राइड बुक करते समय ड्राइवर के जेंडर का विकल्प देख सकेंगी। इससे महिलाओं को अधिक सुरक्षित महसूस करने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि यह सुविधा महिला यात्रियों के भरोसे को मजबूत करेगी और कैब सेवाओं को और सुरक्षित बनाएगी।
हालांकि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में नियम लागू होने की कोई निश्चित तारीख नहीं बताई गई है। आमतौर पर ऐसी गाइडलाइंस जारी होते ही प्रभावी मानी जाती हैं, लेकिन इन्हें लागू करने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है। पहले जब जुलाई 2025 में एग्रीगेटर गाइडलाइंस लागू की गई थीं, तब राज्यों को तीन महीने का समय दिया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी राज्यों को इसी तरह का समय मिल सकता है।
इस नियम को जमीन पर उतारने के लिए राज्य सरकारों को अपने कैब एग्रीगेटर लाइसेंस सिस्टम में जेंडर चॉइस फीचर शामिल करना होगा। इसके बाद Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों को अपने ऐप्स में तकनीकी बदलाव करने होंगे। यह फीचर गाइडलाइंस के तहत अनिवार्य प्रावधान के रूप में रखा गया है।
अगर कोई कैब एग्रीगेटर इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है या लाइसेंस रद्द करने जैसी सख्त कार्रवाई भी हो सकती है। हालांकि, ऐप अपडेट और सिस्टम इंटीग्रेशन में कुछ समय लगना तय माना जा रहा है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में महिला ड्राइवरों की सीमित संख्या इस व्यवस्था को पूरी तरह लागू करने में चुनौती बन सकती है।