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US India Relations: अमेरिका-भारत संबंधों पर निक्की हेली की चेतावनी, कहा– चीन उठा सकता है फायदा

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत निक्की हेली ने अमेरिका और भारत के बीच बिगड़ते संबंधों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि दोनों देशों के रिश्ते टूटने की कगार पर हैं और इसका सीधा फायदा चीन को मिल सकता है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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US India Relations: अमेरिका-भारत संबंधों पर निक्की हेली की चेतावनी, कहा– चीन उठा सकता है फायदा

New Delhi: संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने अमेरिका और भारत के बीच बढ़ते तनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने न्यूजवीक में प्रकाशित अपने लेख में आगाह किया है कि अगर अमेरिका ने भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता नहीं दी, तो दोनों देशों की साझेदारी खतरे में पड़ सकती है और इसका सबसे बड़ा लाभ चीन को मिलेगा।

हेली की दो टूक चेतावनी

निक्की हेली ने लिखा, ‘अमेरिका को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारा असली टारगेट चीन है। ऐसे में हमें भारत को दोस्त बनाकर रखना होगा, ना कि दुश्मन की तरह व्यवहार करना चाहिए।’ उनका मानना है कि भारत एशिया में एकमात्र ऐसा देश है जो चीन के बढ़ते प्रभुत्व को चुनौती दे सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास मैन्युफैक्चरिंग की वह क्षमता है जो अमेरिका की चीन पर निर्भरता को कम कर सकती है। अमेरिका यदि चीन से सप्लाई चेन हटाकर भारत की ओर रुख करता है तो यह रणनीतिक रूप से लाभकारी साबित होगा।

व्यापार और तेल विवाद बना टकराव की वजह

निक्की हेली का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच रूसी तेल के आयात और टैरिफ को लेकर तनाव चरम पर है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से सस्ते तेल की खरीद जारी रखने पर नाराजगी जताते हुए 25% पारस्परिक शुल्क और 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा।

हेली ने माना कि भारत की रूसी तेल खरीद से रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग मिल रही है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत को दंडित करना अमेरिका की रणनीतिक भूल होगी।

ट्रंप और मोदी को बातचीत की सलाह

निक्की हेली ने राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे आपसी बातचीत के जरिए मतभेदों को दूर करें। उनका कहना है कि ‘अगर दोनों नेता सीधे संवाद नहीं करते हैं, तो चीन इस स्थिति का फायदा उठा सकता है और अमेरिका को बड़ा नुकसान हो सकता है।’

उन्होंने 1982 में इंदिरा गांधी और अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की बातचीत का उदाहरण देते हुए लिखा कि ‘भले ही भारत और अमेरिका अलग-अलग रास्तों पर चलें, लेकिन उनका उद्देश्य एक होना चाहिए चीन को रोकना।’

भारत की रणनीतिक भूमिका

हेली ने भारत को अमेरिका, इज़रायल और अन्य सहयोगी देशों के साथ एक मजबूत रक्षा भागीदार बताया। उनका मानना है कि भारत की भौगोलिक स्थिति, सैन्य ताकत और लोकतांत्रिक ढांचा उसे एशिया में चीन के मुकाबले एकमात्र प्रभावशाली शक्ति बनाता है।

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