ईरान-इजरायल तनाव में नया मोड़: इन जगहों पर हमले का दावा, अस्पताल नहीं था निशाना

ईरान-इजरायल तनाव में नया मोड़ आया है, मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट

Post Published By: Jaya Pandey
Updated : 20 June 2025, 8:31 PM IST
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तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच गुरुवार को ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले को लेकर नया बयान सामने आया है। ईरानी सरकारी समाचार एजेंसी IRNA ने स्पष्ट किया है कि देश के दक्षिणी हिस्से में किए गए मिसाइल हमले किसी अस्पताल को निशाना बनाने के लिए नहीं थे, बल्कि इजरायल की सैन्य खुफिया सुविधाओं पर केंद्रित थे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददता ने मुताबिक,  हमलों का मुख्य लक्ष्य इजरायल की सेना के C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) दूरसंचार कोर मुख्यालय और एक अन्य खुफिया केंद्र था। एजेंसी ने यह भी स्वीकार किया कि हमले के पास स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर को शॉकवेव के चलते कुछ क्षति हुई है, लेकिन अस्पताल पर सीधा हमला नहीं किया गया।

मिसाइल गिरने से भारी नुकसान

हालांकि, कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स और इजरायली मीडिया ने पहले यह रिपोर्ट दी थी कि बीरशेबा शहर स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर पर ईरानी मिसाइल गिरने से भारी नुकसान हुआ है। फुटेज में अस्पताल की खिड़कियां उड़ती और काले धुएं का गुबार उठता देखा गया। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमले में कितने लोग घायल हुए हैं।

राज्य टेलीविजन ने किया दावा

दूसरी ओर, ईरानी राज्य टेलीविजन ने दावा किया है कि इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान की अराक भारी जल परमाणु सुविधा पर हमला किया। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला ऐसे समय में किया गया जब सुविधा को पहले ही एहतियातन खाली करा लिया गया था, जिससे किसी तरह के रेडियोधर्मी रिसाव का खतरा नहीं बना। अराक सुविधा ईरान की विवादास्पद परमाणु गतिविधियों में एक प्रमुख केंद्र मानी जाती है।

बुनियादी ढांचे को बनाया निशाना

यह पहली बार नहीं है जब दोनों देशों के बीच इस तरह की सैन्य कार्रवाइयाँ हुई हों, लेकिन ताज़ा घटनाक्रम में यह स्पष्ट है कि अब लड़ाई में सैन्य ठिकानों और रणनीतिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में अस्थिरता और गहराने की आशंका बढ़ गई है।

समाधान खोजने की अपील

इजरायल और ईरान दोनों ही पक्षों ने अपने-अपने हमलों को रक्षात्मक कार्रवाई बताया है, लेकिन सच यह है कि इन झड़पों में आम नागरिकों और असैन्य सुविधाओं को होने वाला नुकसान चिंता का विषय बना हुआ है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीतिक समाधान खोजने की अपील की है।

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