Kathmandu: नेपाल में जारी राजनीतिक और सामाजिक अशांति अब एक भयानक मोड़ पर पहुंच गई है। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल के घर पर हुए हिंसक हमले में उनकी पत्नी राजलक्ष्मी खनाल की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि यह हमला सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने किया, जिन्होंने खनाल के निवास को निशाना बनाते हुए घर में आग लगा दी और तोड़फोड़ मचाई। इस दुखद घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों की हिंसा में पूर्व पीएम की पत्नी की मौत
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने अचानक खनाल के घर को घेर लिया और पत्थरबाजी तथा आगजनी शुरू कर दी। उस समय पूर्व पीएम झलनाथ खनाल घर पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उनकी पत्नी राजलक्ष्मी घर के अंदर थीं। बताया जाता है कि राजलक्ष्मी को प्रदर्शनकारियों ने पीटा, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और बाद में उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद दमकल और पुलिस विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई और स्थिति को काबू में किया, लेकिन तब तक खनाल का घर बुरी तरह जल चुका था और एक राजनीतिक परिवार में भारी क्षति हो चुकी थी। इस हिंसक घटना के बाद खनाल परिवार के साथ-साथ देशभर में गहरा आक्रोश और शोक देखा जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने खनाल के घर को घेर कर किया आगजनी
नेपाल में बीते कई हफ्तों से सरकार विरोधी प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। आर्थिक संकट, महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर जनता सड़कों पर उतर आई है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि राजधानी काठमांडू सहित कई जिलों में कर्फ्यू लगाने की नौबत आ चुकी है।
पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल, जो नेपाल की एक प्रमुख वामपंथी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, हाल के विरोध प्रदर्शनों में सरकार के रवैये पर सवाल उठा चुके हैं। लेकिन अब उनकी पत्नी की हत्या ने इस पूरे राजनीतिक संकट को व्यक्तिगत त्रासदी में बदल दिया है।
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आग और आंसुओं में डूबा काठमांडू
विश्लेषकों का मानना है कि अगर जल्द ही राजनीतिक समाधान नहीं निकाला गया, तो यह संकट नेपाल की लोकतांत्रिक स्थिरता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यह घटना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि लोकतंत्र की कमजोर होती नींव पर खड़ा देश अब सांप्रदायिक और राजनीतिक हिंसा की ओर बढ़ रहा है।

