

इजरायल और गाजा के बीच लंबे समय से जारी तनाव अब और गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गाजा पट्टी पर नियंत्रण की योजना को इजरायली सुरक्षा परिषद की मंजूरी मिल गई है, जिससे युद्ध और तेज होने की आशंका है।
बेंजामिन नेतन्याहू (Img: Google)
New Delhi: गाजा पट्टी पर इजरायल का कब्जा अब केवल योजना नहीं, बल्कि वास्तविकता की ओर बढ़ता कदम बन गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को इजरायली सुरक्षा परिषद ने मंजूरी दे दी है, जिससे क्षेत्र में युद्ध की आग और तेज हो सकती है।
हालांकि इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया था कि इजरायल गाजा पर कब्जा नहीं करेगा, बल्कि एक अंतरिम शासन को वहां की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। लेकिन अब परिस्थितियां बदलती दिख रही हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ने गाजा शहर पर कब्जे की योजना को अपनी स्वीकृति दे दी है।
नेतन्याहू का रुख साफ
7 अगस्त को फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हमास को पूरी तरह समाप्त करने के लिए गाजा पर नियंत्रण जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम गाजा को अपने पास रखना नहीं चाहते, बल्कि वहां एक मजबूत सुरक्षा घेरा बनाना चाहते हैं। हमारा इरादा शासन करने का नहीं है, लेकिन हम असुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते।”
किसे सौंपी जाएगी गाजा की जिम्मेदारी?
नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल गाजा के प्रशासन की जिम्मेदारी अरब देशों की किसी फोर्स को सौंपना चाहता है। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कौन सा देश इस कार्य को संभालेगा। संभावना जताई जा रही है कि इसमें मिस्र या जॉर्डन जैसे देशों की भूमिका हो सकती है, लेकिन आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
कब्जे से पहले जरूरी है मंत्रिमंडल की अंतिम मंजूरी
हालांकि सुरक्षा परिषद की मंजूरी मिलने के बाद भी, इस योजना को अमल में लाने से पहले इजरायल के पूर्ण मंत्रिमंडल की स्वीकृति आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार, यह मंजूरी रविवार, 10 अगस्त तक मिल सकती है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इजरायली सेना पहले उन इलाकों पर ध्यान केंद्रित करेगी जहां हमास की सैन्य मौजूदगी नहीं है। इसके अलावा, स्थानीय नागरिकों को चेतावनी देकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने का समय भी दिया जाएगा।
22 महीनों से जारी संघर्ष में बढ़ी हिंसा
गौरतलब है कि इजरायल और गाजा के बीच बीते 22 महीनों से लगातार संघर्ष जारी है। इजरायली सेना हमास के ठिकानों पर लगातार कार्रवाई कर रही है, जबकि गाजा की ओर से भी रॉकेट दागे जा रहे हैं। ऐसे में कब्जे की इस योजना से दोनों पक्षों के बीच तनाव चरम पर पहुंच सकता है।
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