हमास को शरण देने पर कतर पर भड़का इजरायल, नेतन्याहू बोले- ‘जो अमेरिका ने किया, हमने भी वही किया’

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कतर की राजधानी दोहा में की गई एयर स्ट्राइक को जायज बताया है। उन्होंने इस हमले की तुलना 9/11 के बाद अमेरिका द्वारा उठाए गए कदमों से की। कतर पर हमास के नेताओं को पनाह देने और आर्थिक मदद पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 11 September 2025, 2:04 PM IST
google-preferred

New Delhi: दोहा (कतर) पर की गई इजरायल की एयर स्ट्राइक ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। इस हमले को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुलकर बयान दिया है और इसे आतंकवाद के खिलाफ एक वैध और आवश्यक कदम करार दिया है। उन्होंने इस हमले की तुलना अमेरिका द्वारा 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के बाद की गई प्रतिक्रिया से कर दी है।

नेतन्याहू ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, “जो 11 सितंबर 2001 के आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका ने किया था, हमने भी वही किया है। अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को खत्म कर दुनिया को दिखाया कि आतंकवाद का कोई ठिकाना नहीं बचेगा। हमने भी वही रास्ता अपनाया।”

नेतन्याहू

दोहा में क्यों किया गया अटैक?

इजरायल ने यह दावा किया है कि हमास की एक बड़ी रणनीतिक बैठक कतर की राजधानी दोहा में चल रही थी, जिसमें युद्धविराम और अमेरिका के प्रस्तावों पर चर्चा हो रही थी। इसी दौरान इजरायल की खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली कि इस मीटिंग में कई शीर्ष हमास कमांडर मौजूद हैं। इसके बाद, इजरायल ने 9 सितंबर 2025 को दोहा के बाहरी इलाके में एक टारगेटेड एयर स्ट्राइक की, जिसमें कथित तौर पर कई हमास नेताओं के मारे जाने की पुष्टि की गई है।

Israel Attacks Houthis: इजरायल का यमन पर बड़ा हमला, सना में हूती प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों की मौत

क्या कतर हमास को पनाह दे रहा है?

कतर और हमास के रिश्तों को लेकर लंबे समय से संदेह बना हुआ है। पश्चिमी मीडिया और कई खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमास का राजनीतिक कार्यालय दोहा में ही संचालित होता है। नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा, "अगर कतर हमास के नेताओं को पनाह देना बंद नहीं करता, तो हमें मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ेगी। आतंकवादियों के लिए कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं होगा, चाहे वह कितनी भी दूर क्यों न हो।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

इस हमले को लेकर अमेरिका, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र ने चिंता जताई है। अमेरिका ने दोहा पर हमला करने से पहले संयम बरतने की अपील की थी। लेकिन नेतन्याहू ने अमेरिका के ही तर्क का इस्तेमाल करते हुए जवाब दिया कि “आतंकवाद से निपटने में कोई सीमाएं नहीं होनी चाहिए।”

यमन पर इजरायल का कहर: हौती मिसाइल ठिकानों पर बमबारी, धधकती आग में तब्दील हुईं इमारतें

क्या युद्ध बढ़ेगा?

विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला एक नई रणनीति की शुरुआत है। अब इजरायल सिर्फ हमास के कब्जे वाले इलाकों में नहीं, बल्कि उन देशों में भी कार्रवाई करेगा, जो किसी भी रूप में हमास का समर्थन करते हैं। इससे कतर और इजरायल के बीच राजनयिक संबंधों में खटास और बढ़ सकती है। साथ ही, क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक नई जटिलता सामने आ सकती है, खासकर तब जब अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है।

Location : 

No related posts found.