

ईरान और इजराइल टकराव के बीच ईरान में पढ़ाई कर रहे छात्रों ने वहां से सुरक्षित निकलने के लिए सरकार से गुहार लगा रहे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
रेहाना अख्तर ( कश्मीरी छात्रा )
नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष का असर अब भारत तक भी पहुंच गया है। इस टकराव के बीच ईरान में पढ़ाई कर रहे करीब 1500 भारतीय छात्र, जिनमें बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्र भी शामिल हैं, वहां फंसे हुए हैं। इन छात्रों के परिवारों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भारत सरकार ने सोमवार तड़के एक बयान जारी कर बताया कि ईरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार ने यह भी कहा है कि छात्रों की सुरक्षित निकासी के अन्य संभावित विकल्पों की भी गंभीरता से जांच की जा रही है। फिलहाल ईरान में जारी हमलों के कारण सभी एयरपोर्ट बंद हैं, लेकिन ईरान सरकार ने भरोसा दिलाया है कि जमीनी सीमा के जरिए छात्रों को निकाला जा सकता है, क्योंकि ये बॉर्डर अभी खुले हैं।
ईरान सरकार ने भारत से सभी फंसे हुए नागरिकों की जानकारी मांगी है ताकि उनकी सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जा सके। इस बीच छात्रों के परिजन भारत सरकार से लगातार अपील कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उनके बच्चों को सुरक्षित स्वदेश लाया जाए।
कश्मीर की रेहाना अख्तर की बेटी शाहीन भी इन फंसे हुए छात्रों में शामिल है। रेहाना का कहना है, “तेहरान जल रहा है। वहां कोई गली, कोई इलाका सुरक्षित नहीं है। इंटरनेट बंद है। किसी तरह 10-15 बार कोशिश करने के बाद एक फोन लग पाता है। हम बहुत डरे हुए हैं। इराक और पाकिस्तान ने अपने छात्रों को पहले ही निकाल लिया है, अब बस हमारे बच्चे ही रह गए हैं।”
स्थिति तब और भयावह हो गई जब 15 जून की दोपहर इजराइल ने तेहरान स्थित हुजत दोस्त अली हॉस्टल पर हमला किया। इस हमले में कुछ कश्मीरी छात्र घायल हो गए, जिसके बाद भारत में छात्रों के परिजनों का तनाव और बढ़ गया है।
सरकार की ओर से फिलहाल सभी छात्रों को संयम बनाए रखने और अपने-अपने हॉस्टल में सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है। साथ ही भारतीय दूतावास लगातार ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है और छात्रों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। छात्रों के परिजनों को उम्मीद है कि जल्द ही भारत सरकार उनके बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाएगी।