

अगर पाकिस्तान के F16 विमान के इस्तेमाल की बात सच साबित होने पर नियमों के मुताबिक अमेरिका F16 के रख रखाव के लिए दी जाने वाली मदद रोक सकता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
नई दिल्ली: अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 जेट देते समय एक एग्रीमेंट किया था कि इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशंस में नहीं कर सकता। वो सिर्फ एंटी-टेररिज्म और इंटरनल सिक्योरिटी ऑपरेशंस में ही कर सकता है। अमेरिका इन विमानों के इस्तेमाल की निगरानी करता है और किसी भी उल्लंघन पर कार्रवाई कर सकता है। इसको लेकर दोनों देशों (अमेरिका- पाकिस्तान ) के बीच ‘एंड-यूज मॉनिटरिंग एग्रीमेंट’ हुआ है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, बालाकोट एयर स्ट्राइक 2019 के बाद पाकिस्तान ने F-16 विमान के जरिए भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। तब भारत के मिग 21 ने F-16 विमान मार गिराया था। भारत ने एफ-16 के इस्तेमाल की शिकायत अमेरिका से की थी। तब अमेरिका ने पाकिस्तान के एयरफोर्स को लेटर लिखकर F16 विमानों का दुरुपयोग करने और उनकी साझा सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया था। हालांकि, अमेरिका ने पाकिस्तान पर कोई कार्रवाई नहीं की थी।
फरवरी 2025 में भारत की आपत्ति के बाद भी अमेरिका ने F-16 लड़ाकू विमानों को बनाए रखने के लिए पाकिस्तान को 397 मिलियन डॉलर दिया था। तब भी अमेरिका ने साफ कहा था कि पाकिस्तान इसका इस्तेमाल सिर्फ काउंटर टेररिज्म के लिए करेगा, भारत के खिलाफ नहीं कर सकता है। अगर इसका उल्लंघन होता है तो अमेरिका कार्रवाई भी कर सकता है।
ताजे मामले में पाकिस्तान के F16 विमान के इस्तेमाल की बात सच साबित हुई, तो अमेरिका पाकिस्तान पर एक्शन ले सकता है। नियमों के मुताबिक अमेरिका F16 के रख रखाव के लिए दी जाने वाली मदद रोक सकता है। अगर अमेरिका चाहे तो पाकिस्तान को इसके इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक भी लगा सकता है।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान ने चाइना मेड JF-17 नाकाम होने के बाद अमेरिका से मिले F-16 से हमला किया। हालांकि, भारतीय सेना ने अभी इसकी बात की पुष्टि नहीं की है कि F-16 अमेरिकी विमान है, जो पाकिस्तान को कड़ी शर्तों के साथ दिया गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार के हवाले से इसे फेक बताया है।
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