

अंतरिक्षयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। ऐतिहासिक Ax-4 मिशन के तहत इन्हें अंतरिक्ष में भेजा गया था।
Ax-4 मिशन की ऐतिहासिक सफलता ( सोर्स - इंटरनेट )
नई दिल्ली: भारत के लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। ISRO (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) के अंतरिक्षयात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्हें और उनकी टीम को अमेरिकी प्राइवेट स्पेस कंपनी SpaceX के Falcon-9 रॉकेट के ज़रिए रवाना किए गए ऐतिहासिक Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक Ax-4 मिशन, अमेरिकी कंपनी Axiom Space द्वारा आयोजित एक प्राइवेट मिशन है, जिसमें विभिन्न देशों के चार अंतरिक्षयात्रियों की टीम शामिल थी। इस मिशन की लॉन्चिंग फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से की गई। मिशन की सबसे खास बात यह रही कि इसमें भारत की ओर से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को बतौर मिशन स्पेशलिस्ट शामिल किया गया। वह भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट हैं और ISRO के गगनयान मिशन के लिए भी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
Falcon-9 रॉकेट के जरिए यह टीम सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में पहुंची और फिर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी कर अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया। मिशन की उड़ान और डॉकिंग प्रक्रिया पूरी तरह सफल रही, जिसे वैज्ञानिकों और अभियंताओं ने बड़ी उपलब्धि माना है।
शुभांशु शुक्ला की इस सफलता पर पूरे देश में खुशी की लहर है। प्रधानमंत्री से लेकर वैज्ञानिक समुदाय और आम नागरिकों तक, सभी ने उन्हें बधाई दी है। इस उपलब्धि को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। ISRO के अध्यक्ष ने कहा कि यह उपलब्धि आने वाले समय में गगनयान मिशन और अन्य मानवयुक्त अभियानों को मजबूती प्रदान करेगी।
Ax-4 मिशन का मुख्य उद्देश्य माइक्रोग्रैविटी में वैज्ञानिक प्रयोग करना, नई तकनीकों का परीक्षण करना और अंतरिक्ष में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। अंतरिक्ष स्टेशन में शुभांशु शुक्ला अब अगले कुछ दिनों तक विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोगों में हिस्सा लेंगे। इस ऐतिहासिक मिशन के जरिए भारत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह वैश्विक अंतरिक्ष प्रतिस्पर्धा में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से डॉकिंग की प्रक्रिया पूरी कर अंतरिक्ष स्टेशन में प्रवेश किया।