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Health Tips: रोजाना मांस खाना पड़ सकता है सेहत पर भारी, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

रोजाना मांस खाना स्वादिष्ट तो लगता है लेकिन यह आदत लंबे समय में आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार नॉन-वेज का अधिक सेवन पाचन, हृदय, किडनी और वजन से जुड़ी कई समस्याओं को जन्म देता है।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Health Tips: रोजाना मांस खाना पड़ सकता है सेहत पर भारी, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

New Delhi: भारत में नॉन-वेज खाने वालों की संख्या लाखों में है और तंदूरी चिकन, मटन करी या बिरयानी का नाम सुनते ही उनके मुंह में पानी आ जाता है। स्वाद के साथ-साथ मांस को प्रोटीन और ताकत का अच्छा स्रोत माना जाता है। लेकिन यदि आप हर दिन मांस का सेवन करते हैं, तो यह आदत आपकी सेहत के लिए खतरे की घंटी बन सकती है।

विशेषज्ञ की राय

जाने-माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि रोजाना नॉन-वेज खाना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर तब जब व्यक्ति संतुलित आहार, फाइबर और हरी सब्जियों की अनदेखी करता है। लगातार भारी मात्रा में मांस खाने से शरीर में कई तरह की बीमारियां जन्म ले सकती हैं।

पाचन तंत्र पर प्रभाव

मांस को पचाने में शरीर को सामान्य भोजन की तुलना में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। यदि कोई व्यक्ति हर दिन मांस खा रहा है, तो उसके पाचन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे गैस, अपच, कब्ज और पेट फूलने जैसी समस्याएं सामान्य हो जाती हैं।

हृदय रोग का खतरा

रेड मीट यानी लाल मांस में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने, हृदय रोग और हार्ट अटैक का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार सप्ताह में दो बार से अधिक रेड मीट खाना हृदय स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं माना जाता।

नॉन-वेज के नुकसान (Img: Freepik)

किडनी पर प्रभाव

मांस में मौजूद प्रोटीन और अन्य तत्व किडनी पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो किडनी को इसे छानने में कठिनाई होती है। इससे किडनी स्टोन या किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

एसिडिटी और गैस की समस्या

रोज मांस खाने से पेट में एसिड का स्तर बढ़ता है। इससे खट्टी डकारें, जलन, एसिडिटी और कभी-कभी पेट के अल्सर तक की आशंका बढ़ जाती है।

कैंसर की आशंका

अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंसियों के अनुसार, रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन आंतों के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। खासकर जब मांस को ज्यादा पकाया जाए या डीप फ्राय किया जाए, तो उसमें कैंसरकारी तत्व विकसित हो सकते हैं।

वजन और मेटाबॉलिज्म पर असर

रोजाना मांस खाना कैलोरी और फैट की मात्रा को बढ़ा देता है। इससे वजन बढ़ने, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, थकान और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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