

दिशा सालियन की मौत के मामले आदित्य ठाकरे पर लगे आरोपों को भी निराधार बताया है। मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्हें हत्या या यौन उत्पीड़न से जुड़ा नहीं है।
दिशा सालियन की फोटो (सोर्स-गूगल)
Mumbai: दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियन की मौत के मामले में एक बार फिर नया मोड़ सामने आया है। मुंबई पुलिस ने बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा कि उन्हें दिशा की मौत को लेकर हत्या या यौन शोषण से संबंधित कोई भी मेडिकल या साइंटिफिक सबूत नहीं मिला है।
पुलिस ने कोर्ट में यह भी साफ किया कि याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप, जिनमें महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे का नाम लिया गया है, पूरी तरह बिना सबूत के हैं। पुलिस ने इस मामले में दाखिल हलफनामे में याचिका को खारिज करने की मांग की है।
क्या कहा गया है हलफनामे में?
यह हलफनामा मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक द्वारा पेश किया गया, जिसमें घटना के दिन का पूरा विवरण भी दिया गया है। पुलिस के अनुसार, 2020 में दिशा की मौत की रात उनके साथ मौजूद दोस्तों और बॉयफ्रेंड के बयान एक जैसे हैं और इन बयानों में कोई विरोधाभास नहीं है।
पुलिस ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट है कि दिशा की मौत सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई थी और कोई यौन उत्पीड़न या मारपीट के संकेत नहीं मिले। इसके साथ ही पुलिस ने कहा कि SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को भी अब तक की जांच में कुछ भी नया नहीं मिला है और पहले की रिपोर्ट से ही उनके निष्कर्ष मेल खाते हैं।
सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियन (सोर्स-गूगल)
दिशा के पिता की याचिका
दिशा के पिता सतीश सालियन ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर दावा किया था कि उनकी बेटी की हत्या की गई है और उससे पहले उसका गैंगरेप हुआ। उन्होंने इस मामले की CBI जांच की मांग की थी।
हालांकि पुलिस ने हलफनामे में स्पष्ट किया कि दिशा के माता-पिता ने पहले कभी किसी भी बयान में किसी पर संदेह नहीं जताया और न ही जांच प्रक्रिया पर अविश्वास जताया था। मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज बयान में दिशा की मां वासंती ने भी किसी पर आरोप नहीं लगाए।
सीसीटीवी फुटेज में भी कुछ संदिग्ध नहीं
राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि जिस बिल्डिंग से दिशा गिरी थीं, वहां लगे छह सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, लेकिन किसी भी कैमरे में कोई संदिग्ध गतिविधि दर्ज नहीं हुई।
इसके अलावा चार स्वतंत्र गवाहों ने यह बयान दिया कि उन्होंने दिशा के गिरने की आवाज सुनी और उसे घायल अवस्था में देखा था। उन्होंने बताया कि दिशा ने उस समय गोल गले की टी-शर्ट और क्रीम रंग की पैंट पहन रखी थी और उसके दोस्तों ने तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया।
आदित्य ठाकरे ने दाखिल की याचिका
महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री और शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी इस मामले में हस्तक्षेप याचिका दायर की। उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले की सुनवाई के दौरान उन्हें सुना जाए, क्योंकि याचिका में उनके नाम को घसीटा गया है जिससे उनकी और उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान हो सकता है।
आदित्य ठाकरे ने कहा कि वे एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं और उनके खिलाफ यह अभियान केवल राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। उन्होंने खुद को निर्दोष बताया और कोर्ट से निष्पक्षता की मांग की।
कोर्ट की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद
बॉम्बे हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई को दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है। अब अगली सुनवाई में यह देखा जाएगा कि कोर्ट पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार करता है या याचिकाकर्ता की मांग पर विचार करता है।