Tamin Nadu Custodial Death: तमिलनाडु में पुलिस हिरासत में मौत; डीएसपी निलंबित, हाईकोर्ट के जज को सौंपी गई जांच

तमिलनाडु में मंदिर के गार्ड की कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में मौत के मामले को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है। मामले में डीएसपी मानमदुरै को निलंबित कर दिया गया है। केस की जांच की निगरानी अब हाईकोर्ट के जज द्वारा की जायेगी।

Updated : 1 July 2025, 6:08 PM IST
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मदुरै: तमिलनाडु के शिवगंगा में कथित तौर पर पुलिस कस्टडी प्रताड़ना के बाद मंदिर के गार्ड अजित कुमार की मौत का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। मामले में लोगों के बढ़ते आक्रोश के बीच मंगलवार को इस चर्चित केस में कई बड़े मोड़ आये हैं। डीएसपी मानमदुरै को अबसे थोड़ी देर पहले निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने मामले की जांच की निगरानी के लिए एक सदस्यीय न्यायाधीश जस्टिस जॉन सुंदर लाल की अध्यक्षता वाली कमेटी नियुक्त करने की घोषणा की है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अजित कुमार की मौत को लेकर लोगों में बढ़ते आक्रोश के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने एमके स्टेलिन ने मंगलवार को दोषियों के खिलाफ कठोर एक्शन की बात कही है। इसके साथ ही सीएम स्टालिन ने मृतक अजीत कुमार की मां से बात की। उन्होंने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद का वादा किया और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने और उचित मुआवजा देने की भी बात कई।

सीएम को इस ऐलान के साथ ही इस बहुचर्चित केस की जांच सीबी/सीआईडी को सौंप दी गई है, जो 8 जुलाई तक हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस मामले में विभिन्न राजनीतिक दलों, आम जनता समेत प्रमुख लोगों के दबाव और उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के हस्तक्षेप के बाद ही पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू की लेकिन पुलिस की कार्रवाई से लोग संतुष्ट नहीं है।

अब जस्टिस जॉन सुंदर लाल की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय पीठ पूरे जांच की निगरानी करेगी। जस्टिस जॉन सुंदर लाल की अगुवाई मं होने वाली जांच के बाद अजित कुमार की मौत के मामले में हाई कोर्ट से कोई बड़ा फैसला सामने आ सकता है। अदालत का यह फैसला कई पुलिस अफसरों पर भारी पड़ी सकता है। क्योंकि पुलिस पर कस्टडी में अजीत के साथ बुरी तरह मारपीट और उसे प्रताड़ित करने का आरोप है। अजित कुमार की मौत को लेकर शिवगंगा पुलिस को कई लोग कटघरे में खड़ा कर रहे हैं।

पुलिस हिरासत में मंदिर के गार्ड अजित कुमार की मौत से पूरे शहर में उबाल है। मृतक अजित (28) तिरुपुवनम के मदापुरम कालियाम्मन मंदिर में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत था। मृतक के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि पुलिस द्वारा पूछताछ के दौरान अजित की बुरी तरह से पिटाई की और पुलिस की घोर प्रताड़ना के बाद 28 वर्षीय अजित की मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने भी स्वीकार किया कि अजित कुमार को शुरू में मदापुरम कालियाम्मन मंदिर में चोरी के संबंध में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था।

अभिनेता से राजनेता बने विजय ने कुमार की हिरासत में मौत के मामले में विशेष जांच दल की मांग की थी। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि अजित कुमार की हिरासत में मौत के इस मामले ने लोगों के मन में कई सवाल खड़े कर दिए हैं और यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि तमिलनाडु पुलिस विभाग किस हद तक आम नागरिकों के प्रति "क्रूर, पूरी तरह से अमानवीय और अन्यायपूर्ण तरीके से काम करता है", एक अनैतिक संस्था के रूप में काम कर रहा है। हिरासत में मौत के इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और पीड़ितों को त्वरित न्याय की लगातार मांग उठ रही है।

क्या है मामला

चेन्नई की एक महिला यहां मंदिर में दर्शन करने आई थी। उसने पुलिस को 27 जून को उसका सोना चोरी होने की शिकायत दी। मंदिर के गार्ड अजित कुमार को हिरासत में लिया गया, जहां कथित तौर पर प्रताड़ना के बाद 29 जून को अजित की मौत हो गई और 30 जून को यह मामला सामने आया और सुर्खियों में छा गया।

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