Sriganganagar: राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पुलिस की वर्दी पहनकर और लाल बत्ती लगी जिप्सी में घूमकर डकैती की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंजाब निवासी बलजिंदर सिंह, सरवजीत सिंह और दिल्ली के निहाल विहार निवासी सुरेंद्र सिंह के रूप में हुई है। इन बदमाशों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों में हत्या, लूट, फिरौती और डकैती जैसे 52 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। मुख्य आरोपी बलजिंदर सिंह को मकोका (MCOCA) के तहत पहले ही सजा हो चुकी है और राजस्थान पुलिस ने उस पर ₹10,000 का इनाम भी घोषित कर रखा था।
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वर्दी पहनकर किया गया हमला
डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि 18 अक्टूबर की रात करीब 10 बजे श्रीगंगानगर के गुरचरण सिंह के घर पर यह गिरोह लाल बत्ती लगी जिप्सी में सवार होकर पहुंचा। आरोपी पुलिस की वर्दी पहने हुए थे और खुद को “रेड टीम” बता रहे थे। घर में घुसते ही उन्होंने परिवार को बंदूक की नोक पर धमकाया और अलमारियों की तलाशी लेने लगे। इसी बीच, शिकायतकर्ता किसी तरह भागने में सफल हुआ और पड़ोसियों को बुलाकर शोर मचाया। स्थिति बिगड़ती देख आरोपी एक मोबाइल फोन और कुछ कीमती सामान लेकर मौके से फरार हो गए।
तकनीकी विश्लेषण से खुला राज़
पुलिस ने घटना के बाद मोबाइल लोकेशन और सीडीआर का गहन विश्लेषण किया। जांच में पता चला कि आरोपियों ने वारदात के लिए फर्जी पहचान पर एक सिम कार्ड खरीदा था, जो घटना के तुरंत बाद बंद कर दिया गया था। टावर लोकेशन से स्पष्ट हुआ कि फोन दिल्ली के एक क्षेत्र में सक्रिय था। मामला दिल्ली से जुड़ता देख राजस्थान पुलिस ने क्राइम ब्रांच दिल्ली से संपर्क किया। एसीपी भगवती प्रसाद की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार और मंजीत के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई।
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बलजिंदर तक पहुंची पुलिस
जांच के दौरान एक गुप्त सूचना मिली कि हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ कुख्यात लुटेरा बलजिंदर सिंह ही इस गिरोह का सरगना है। सूचना के आधार पर टीम ने दिल्ली के चंदर विहार क्षेत्र में छापेमारी की और बलजिंदर को गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उसके दो साथियों सरवजीत और सुरेंद्र सिंह को भी दबोच लिया। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से नकली पुलिस वर्दियां, हथियार, फर्जी आईडी कार्ड, एक जिप्सी और चोरी के मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि यह गिरोह राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सक्रिय था। वे पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों के घरों और गोदामों में “रेड” डालने के नाम पर घुसते थे और फिर लूटपाट करते थे। मुख्य आरोपी बलजिंदर सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद लंबा है, उसके खिलाफ 52 से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, वह पहले भी मकोका के तहत दोषी करार दिया जा चुका है और कई बार अलग-अलग राज्यों की जेलों में सजा काट चुका है।
पुलिस का बयान और आगे की कार्रवाई
डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि “यह गिरोह बेहद खतरनाक और संगठित था। ये लोग आम नागरिकों को पुलिस बनकर लूटते थे। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, और फरार अन्य साथियों की तलाश जारी है।” उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के बाद कई और वारदातों के खुलासे की उम्मीद है।

