

पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के एमडी और सीईओ गिरीश कौसगी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे की घोषणा के बाद बीएसई में कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। शेयर 15% तक टूटकर 838.30 रुपये पर आ गया। बोर्ड ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दे दी है, और कंपनी ने नए नेतृत्व की तलाश शुरू कर दी है।
पीएनबी हाउसिंग के सीईओ गिरीश कौसगी
New Delhi: पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी गिरीश कौसगी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने शुक्रवार को इस फैसले को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही कौसगी 28 अक्टूबर 2025 को कंपनी से पूरी तरह अलग हो जाएंगे।
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि कौसगी 28 अक्टूबर के बाद न केवल पीएनबी हाउसिंग से, बल्कि PHFL होम लोन एंड सर्विसेज लिमिटेड और PEHEL फाउंडेशन के निदेशक पद से भी हट जाएंगे।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
गिरीश कौसगी के इस्तीफे की खबर जैसे ही सार्वजनिक हुई, शेयर बाजार में पीएनबी हाउसिंग के शेयरों पर इसका बड़ा असर देखने को मिला। बीएसई पर कंपनी का शेयर 15% तक गिर गया और इंट्राडे ट्रेडिंग में 838.30 रुपये तक लुढ़क गया। शुरुआत में ही शेयर में 10% की गिरावट दर्ज की गई थी, जो बाद में और गहराती गई। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों को कौसगी के जाने से कंपनी की नेतृत्व स्थिरता पर सवाल उठते नजर आ रहे हैं, जिससे भावनात्मक दबाव पड़ा।
बोर्ड का बयान और भविष्य की योजना
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने एक आधिकारिक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि कंपनी कौसगी के योगदान की सराहना करती है। कंपनी की रणनीतिक दिशा और विकास की नींव रखने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। बोर्ड की नामांकन एवं पारिश्रमिक समिति के चेयरमैन आर. चंद्रशेखरन ने जानकारी दी कि कंपनी अब एक नई नेतृत्व नियुक्ति की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा "हम एक कठोर, पारदर्शी और योग्यता-आधारित चयन प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि हम जल्द ही एक उपयुक्त पेशेवर का चयन कर लेंगे जो हमारी दीर्घकालिक रणनीति और मूल्य सृजन को आगे बढ़ाएगा।"
पीएनबी हाउसिंग की भूमिका
पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रवर्तित पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस, भारत की तीसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है। कंपनी का मुख्य ध्यान आवास ऋण, लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी और कंस्ट्रक्शन फाइनेंस पर केंद्रित है। गिरीश कौसगी की अगुवाई में कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में कई कारोबारी और परिचालन रणनीतियों को लागू किया, जिससे ब्रांड की विश्वसनीयता में इजाफा हुआ।
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