Dollar vs Rupee: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मजबूत, जानिए क्या हैं इसके कारण

शुक्रवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 21 पैसे उछलकर 85.34 पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वियतनाम के साथ किए गए व्यापार समझौते के कारण भारतीय रुपया मजबूत हुआ है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भी भारतीय रुपये को सपोर्ट मिल रहा है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि इन घटनाओं का भारतीय रुपये पर क्या असर पड़ा है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 4 July 2025, 1:18 PM IST
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New Delhi: भारत और अमेरिका के बीच होने वाली संभावित ट्रेड डील की उम्मीदों के चलते शुक्रवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 21 पैसे की बढ़त के साथ 85.34 के स्तर पर पहुंच गया। यह बढ़त खासतौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा वियतनाम के साथ ट्रेड डील की घोषणा के बाद आई है। विदेशी मुद्रा कारोबारियों का मानना है कि इस डील के बाद भारतीय रुपये को और मजबूती मिल सकती है, और संभवत: 9 जुलाई तक अमेरिकी प्रशासन और अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के समझौते हो सकते हैं।

रुपये में मजबूती के कारण

भारतीय रुपये में इस समय की मजबूती की मुख्य वजह विदेशी मुद्रा बाजार में आयी हलचल है। जब से डोनाल्ड ट्रंप ने वियतनाम के साथ ट्रेड डील की घोषणा की है, उस समय से विदेशी मुद्रा व्यापारियों के बीच इस बात की उम्मीद जागी है कि अगले कुछ दिनों में अन्य देशों के साथ भी ट्रेड डील्स हो सकती हैं। इसके अलावा एशियाई फॉरेन करेंसी में भी मजबूती आई है, जिससे भारतीय रुपया भी प्रभावित हुआ है।

Indian Rupee (Source-Google)

भारतीय रुपया (सोर्स-गूगल)

इंटरबैंकिंग फॉरेन मनी एक्सचेंज मार्केट में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 85.44 के स्तर पर खुला था, लेकिन शुरुआती कारोबार के बाद यह 85.34 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। यह एक दिन पहले की तुलना में 21 पैसे की वृद्धि दर्शाता है। इससे पहले गुरुवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.55 के स्तर पर बंद हुआ था।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट

वहीं दूसरी ओर, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी भारतीय रुपये के पक्ष में काम कर रही है। इंटरनेशनल स्टैंडर्ड ब्रेंट क्रूड 0.38 प्रतिशत की गिरावट के साथ 68.54 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहा। मिडिल ईस्ट में शांति की स्थिति के बाद कच्चे तेल की कीमतों में यह गिरावट आई है, जिससे भारत के आयात खर्चों में कमी आई है और रुपये को सहारा मिला है।

डॉलर सूचकांक और घरेलू बाजार

इस बीच, डॉलर सूचकांक 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 96.98 पर आ गया है, जो अमेरिकी डॉलर की कमजोरी को दर्शाता है। घरेलू शेयर बाजार की बात करें तो, बीएसई सेंसेक्स 25.10 अंक गिरकर 83,214.37 अंक पर आ गया, जबकि निफ्टी 7.70 अंक घटकर 25,396.50 अंक पर बंद हुआ।

साथ ही विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) गुरुवार को बिकवाल थे और उन्होंने 1,481.19 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। इस बिकवाली से बाजार में थोड़ी कमजोरी देखने को मिली, लेकिन रुपये पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा।

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