हिंदी
सरकार ने सोना और चांदी के आधार आयात मूल्य में कटौती की है। सोना 42 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी 107 डॉलर प्रति किलोग्राम सस्ता होगा। इससे घरेलू बाजार में कीमतों में स्थिरता आएगी और आम जनता को खरीद में लाभ मिलेगा।
सरकार ने किया बड़ा ऐलान (फोटो सोर्स गूगल)
New Delhi: वैश्विक बाजार में कीमती धातुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव के बीच केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सोने और चांदी के आधार आयात मूल्य में कमी की घोषणा की है। सरकार ने सोने के आधार आयात मूल्य में 42 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी के आधार आयात मूल्य में 107 डॉलर प्रति किलोग्राम की कटौती की है। यह कदम घरेलू बाजार में कीमतों पर नियंत्रण और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
आधार आयात मूल्य (Base Import Price) वह मूल्य है, जिसका उपयोग आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क (Custom Duty) की गणना के लिए किया जाता है। सरकार हर 15 दिनों में इस मूल्य को अपडेट करती है। जब आधार मूल्य में कटौती की जाती है, तो आयातकों पर कर का बोझ कम हो जाता है, जिससे घरेलू बाजार में सोना और चांदी की कीमतों को स्थिर बनाए रखना आसान हो जाता है।
इस कटौती से घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में कमी की उम्मीद है। आम लोग अब सोना और चांदी सस्ते में खरीद पाएंगे। इसके अलावा, व्यापारियों और आभूषण निर्माताओं को भी इसका फायदा मिलेगा। सोने और चांदी की कीमतों में नियंत्रण से निवेशकों और ग्राहकों के लिए भरोसेमंद बाजार तैयार होगा।
भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है। भारतीय उपभोक्ता आभूषण और निवेश दोनों के लिए सोने की खरीद करते हैं। ऐसे में आयात मूल्य में की गई यह कटौती सोने और चांदी के आयात को सस्ता बनाएगी और इसका लाभ सीधे आम जनता और व्यापारियों को मिलेगा।
केंद्र सरकार की यह नीति न केवल कीमतों को नियंत्रण में रखने में मदद करेगी, बल्कि आयातकों और व्यापारियों के लिए वित्तीय राहत भी प्रदान करेगी। साथ ही, यह कदम घरेलू मांग को बढ़ावा देने और बाजार में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Gold Price: क्यों गिर रही हैं सोने की कीमतें? जानिए गिरावट के पीछे के तीन मुख्य का कारण
सरकार ने सोने और चांदी के आधार आयात मूल्य में कटौती की है। सोने के लिए 42 डॉलर प्रति 10 ग्राम और चांदी के लिए 107 डॉलर प्रति किलोग्राम की कमी की गई है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करना और आम लोगों को सस्ते सोने और चांदी की सुविधा देना है। भारत के लिए यह कदम व्यापार और निवेश दोनों में सकारात्मक प्रभाव डालेगा।