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बिहार चुनाव 2025 में NDA की मजबूत बढ़त के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार ने अराजकता को नकार दिया है और अब उनकी अगली मंजिल बंगाल है। BJP 160 सीटों पर आगे है, जबकि महागठबंधन 78 पर बढ़त में। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।
NDA की बढ़त पर बोले गिरिराज सिंह
Ptana: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना ने राज्य की राजनीति का रुख साफ कर दिया है। उपलब्ध रुझानों में भाजपा नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा राजनीतिक बयान देते हुए कहा कि बिहार ने अराजकता के खिलाफ फैसला सुनाया है और अब उनकी अगली राजनीतिक मंजिल बंगाल है।
गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार ने तय कर दिया कि "अराजक राज" की सरकार नहीं लौटेगी। उनके मुताबिक युवाओं ने विकास के पक्ष में वोट दिया है। उन्होंने कहा, “यह विकास की जीत है। हमने बिहार जीत लिया है, अब बारी बंगाल की है।”
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि यह साफ था कि बिहार भ्रष्टाचार, अराजकता और लूट वाली सरकार को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लोगों ने शांति, न्याय और प्रगति का रास्ता चुना है।
उन्होंने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग उन दिनों को भूले नहीं हैं जब राज्य में अव्यवस्था फैली थी। उन्होंने तेजस्वी यादव के अल्पकालिक शासनकाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि "उनके रहते भी अराजक माहौल फैलाने की कोशिश हुई थी, जिसे जनता ने देखा था।"
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भाजपा-नीत NDA 243 विधानसभा सीटों में से 160 पर बढ़त बनाए हुए है, जो 122 के जादुई आंकड़े से काफी ऊपर है। वहीं विपक्षी महागठबंधन, जिसमें RJD प्रमुख दल है, 78 सीटों पर आगे है।
चुनाव में खास निगाहें प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी पर भी थीं। हालांकि उम्मीदें कम थीं, लेकिन पार्टी दो सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
एग्जिट पोल पहले ही संकेत दे चुके थे कि NDA सत्ता बरकरार रखेगा। नौ एग्जिट पोल्स के औसत अनुमान के अनुसार NDA को 147 और महागठबंधन को 90 सीटें मिलने का अनुमान था। RJD के 57 से 69 सीटों के बीच रहने का अनुमान था, जो 2020 की 75 सीटों से कम है। कांग्रेस के 19 से घटकर 14 सीटों पर सिमटने का अनुमान था। वहीं प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को एक सीट मिलने का अनुमान था।
चुनाव परिणाम यह तय करेंगे कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। वह अब तक के सबसे लंबे समय तक कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं और यह चुनाव उनके राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ेगी, यह तस्वीर और साफ हो जाएगी कि बिहार की बागडोर किसके हाथ में होगी। फिलहाल के रुझान NDA के पक्ष में मजबूत संकेत दे रहे हैं।