Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा नगर निगम में भ्रष्टाचार और लापरवाही का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। 2 सितंबर 2024 को जब नगर परिषद को निगम का दर्जा दिया गया था, तब उम्मीद थी कि अब शहर की व्यवस्था सुधरेगी और जवाबदेही बढ़ेगी, लेकिन हालात उलटे हो गए।
बुधवार को बस स्टैंड के पास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान निगम की पोल खुल गई। एक ठेला संचालक ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि नगर निगम के अधिकारी हर महीने उससे “चौथ” के नाम पर पैसे वसूलते हैं। उसने आरोप लगाया कि वसूली के बाद उसे अब भी “नगर परिषद भीलवाड़ा” के नाम की पुरानी रसीद थमा दी जाती है। उस व्यक्ति ने कई रसीदें दिखाईं जिनमें वर्ष 2025 की तारीखें, जुर्माने की रकम और अधिकारी के हस्ताक्षर दर्ज थे। सवाल यह उठता है कि जब निगम को बने एक साल से ज्यादा हो चुका है, तो फिर पुरानी रसीद बुक्स क्यों चल रही हैं?

