नई दिल्ली: उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने बुधवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो (DEB) के प्रमुख डॉ. मधुकर मूर्ति वावरे से शिष्टाचार भेंट की।
यह मुलाकात नई दिल्ली स्थित यूजीसी मुख्यालय में हुई, जहां दोनों के बीच उच्च शिक्षा और विशेषकर दूरस्थ शिक्षा के विकास को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
मुलाकात के दौरान प्रो. लोहनी ने विश्वविद्यालय की शैक्षिक गतिविधियों, नवाचारों और दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी विस्तार से साझा की।
प्रो. लोहनी ने बताया कि विश्वविद्यालय राज्य के दूरस्थ और दुर्गम इलाकों तक उच्च शिक्षा पहुंचाने के लिए लगातार प्रयासरत है, ताकि पहाड़ी और ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिल सकें।
इस अवसर पर प्रो. लोहनी ने विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई प्रचार-प्रसार सामग्री डॉ. वावरे को भेंट की। इस सामग्री में विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों, पाठ्यक्रमों और गतिविधियों की जानकारी शामिल थी, जो विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि यह सामग्री न केवल छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान करेगी, बल्कि दूरस्थ शिक्षा की प्रभावशीलता और व्यापकता को भी दर्शाएगी।
डॉ. वावरे ने विश्वविद्यालय की पहल की सराहना करते हुए कहा कि यूजीसी और DEB, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के साथ मिलकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रसार के लिए निरंतर सहयोग करेगा।
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भविष्य में इस प्रकार की पहल को और मजबूती देने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन और तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
प्रो. लोहनी ने उम्मीद जताई कि यूजीसी और DEB का सहयोग आगे भी मिलता रहेगा, जिससे राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार न केवल छात्रों के भविष्य को उज्ज्वल करेगा, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
यह मुलाकात न केवल दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसरों को जन्म देगी, बल्कि शिक्षा के डिजिटल और नवाचार-आधारित मॉडल को भी बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार के उच्चस्तरीय संवाद और सहयोग से शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा और गति प्राप्त होगी, जिससे “सबके लिए शिक्षा” का लक्ष्य साकार हो सकेगा।