Dehradun: उत्तराखंड में इन दिनों मूसलधार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। पिछले दो-तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने पर्वतीय और मैदानी जिलों में भारी तबाही मचाई है। लगातार हो रही बारिश के कारण कई क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं और नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। देहरादून, हरिद्वार, उत्तरकाशी, चमोली और अन्य जिलों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अत्यधिक बारिश से केदारनाथ यात्रा स्थगित
भारी बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है। प्रशासन ने आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में तो आपदा का कहर भी देखने को मिला, जबकि अन्य पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन से सड़कों का संपर्क टूट गया है।
नदी नालों में बाढ़, गंगा के घाट खाली
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार कर चुका है, जिससे गंगा घाटों को खाली करवा दिया गया है। निचले इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों को भी बाढ़ के खतरे से सतर्क किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
उत्तराखंड में मौसम का कहर
उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। कई लोग लापता हैं। बता दें कि राज्य के कई हाइवे भूस्खलन के कारण बाधित हैं। साथ ही भारी बारिश के चलते अलर्ट जारी किया गया है।
आगामी दिनों का मौसम
6 से 8 अगस्त तक उत्तराखंड में बारिश का अलर्ट है। साथ ही राज्य के सभी जनपदों में वर्षा की बौछारें पड़ने की संभावना है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड के निवासियों को बेहद चौकन्ना रहने की जरूरत है क्योंकि मानसूनी बरसात कब आफत में बदल जाए, कह नहीं सकते।
स्कूलों में छुट्टी, सुरक्षा के इंतजाम
इन भारी बारिश के कारण देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, चमोली और उत्तरकाशी जिलों के स्कूलों में आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।